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    निकाह हलाला

    आज सुप्रीम कोर्ट में आगामी राज्यसभा चुनावों में नोटा के इतेमाल को लेकर सुनवाई हुई। गुजरात कांग्रेस ने राज्यसभा चुनावों में नोटा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि राज्यसभा जैसे अप्रत्यक्ष चुनावों में नोटा इस्तेमाल पूर्णतः आधारहीन है। उसने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग के इस निर्णय पर रोक लगाने को कहा था। आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के देरी से याचिका दायर करने का उल्लेख करते हुए चुनाव आयोग के इस निर्णय पर तत्काल रोक लगाने से इंकार कर दिया।

    सुप्रीम कोर्ट ने इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग को भी तलब करते हुए नोटिस जारी कर जवाब माँगा है और इस मामले की अगली सुनवाई 13 सितम्बर तक के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले पर न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय पीठ के सामने कांग्रेस का पक्ष रखा और याचिका दायर कर फ़ौरन सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने तर्क दिया था कि राज्यसभा चुनावों में इस्तेमाल होने वाले बैलेट पेपर में नोटा के विकल्प का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।

    नोटा

     

    सुप्रीम कोर्ट में इस तीन सदस्यीय पीठ ने गुरूवार को इस मामले पर दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिका दायर करने में की गई देरी के मसले को आधार बनाकर इस पीठ ने कांग्रेस को तत्काल कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया। पीठ ने कांग्रेस के वकील कपिल सिब्बल से सवाल पूछा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों में नोटा के इस्तेमाल के बाबत जनवरी, 2014 में नोटिफिकेशन जारी किया था। तब से लेकर अब तक कई राज्यसभा चुनाव हुए पर उन चुनावों में तो कांग्रेस पार्टी ने तो कोई ऐतराज नहीं जताया। और अब जब आंकड़ें आपका साथ नहीं दे रहे हैं और नोटा का विकल्प आपके पक्ष में नहीं जा रहा है तब आप इसे चुनौती दे रहे हैं। अपनी जिरह में कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर तत्काल नोटा के विकल्प पर स्टे नहीं लगाया गया तो इससे आने वाले राज्यसभा चुनावों में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। अपने जवाब में पीठ ने कहा कि वह राज्यसभा चुनावों में नोटा के विकल्प के प्रावधान की संवैधानिकता पर सुनवाई के लिए तैयार है पर वह तत्काल इसपर कोई राहत नहीं दे सकती। पीठ ने कांग्रेस से सवाल किया कि आखिर गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए ही यह याचिका क्यों?

    चुनाव आयोग ने भी इस मामले पर अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा और बताया कि जनवरी, 2014 में इस बाबत नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कई चुनाव हो चुके हैं जिनमें नोटा का इस्तेमाल हुआ हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय के बाबत कांग्रेस की तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर कहा कि ‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत’।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।