सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा, नोटबंदी के दौरान 25 लाख रूपए या उससे अधिक की नकदी जमा कराने तथा नियत तारीख के बाद भी रिटर्न फाइल नहीं कराने वाले 1.16 लाख व्यक्तियों और फर्मों के खिलाफ आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। जो लोग आईटी रिटर्न दाखिल करा चुके हैं, लेकिन खाते में बड़ी नकदी भी जमा कराई है। ऐसे खाताधारकों के खिलाफ आयकर विभाग जांच कर रही है।
आयकर विभाग ऐसे 18 लाख लोगों को ढूंढ़ चुकी है, जिन्होंने नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के नोटों के रूप में खाते में 2.5 लाख रूपए जमा कराए। आयकर विभाग का कहना है कि ऐसे लोगों की संख्या करीब 1.16 लाख है, जिन्होंने नोटबंदी के बाद 25 लाख रूपए की नकदी जमा कराई तथा अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
इनको आयकर विभाग ने 30 दिनों के भीतर रिटर्न फाइल करने को कहा है। चंद्रा ने कहा कि, ऐसे लोगों और कंपनियों को दो कैटेगरी में विभाजित किया है। पहले श्रेणी में 1.16 लाख लोगों ने अपने खाते में 25 लाख रूपए से अधिक की नकदी जमा कराई। जबकि दूसरी श्रेणी में 2.4 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने 10 से 25 लाख रुपए तक का कैश अपने बैंक अकाउंट में डिपॉजिट किए।
चंद्रा ने कहा कि यदि ये लोग आयकर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो इन लोगों के खिलाफ सूचना आई-टी अधिनियम की धारा 142 (1) के तहत दूसरे चरण में नोटिस भेजा जाएगा। सुशील चंद्रा ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अप्रैल- सितंबर के बीच आयकर कानून उल्लंघन करने पर मुकदमा चलाए गए लोगों की संख्या 288 से बढ़कर 609 हो चुकी है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुताबिक दोगुना है।
आप को जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल 652 लोगों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई थी, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 1,046 हो चुकी है। आयकर विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ऐसे संदिग्ध खातों की संख्या 23.22 लाख हैं, जिनमें नोटबंदी के दौरान कुल 3.68 लाख करोड़ रूपए जमा कराए गए। आॅनलाइन तरीके से आयकर विभाग को 11.8 लाख लोगों के 16.92 लाख बैंक खातों की प्रतिक्रिया मिल चुकी है।