वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों पर अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले रघुराम राजन ने एक बार फिर से सरकार पर हमलावर होने के साथ कहा है कि “नोट-बंदी और जीएसटी ने देश के आर्थिक विकास में बाधा पैदा की है।”
रघुराम राजन ने बताया है कि वर्तमान में देश में चल रही 7 प्रतिशत की विकास दर देश की वर्तमान जरूरत को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।
राजन ने ये बातें कलिफोर्निया विश्वविद्यालय में दिये गए अपने एक भाषण के दौरान कही है।
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राजन ने विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि नोटबंदी व जीएसटी से पहले वर्ष 2012 से 2016 के दौरान देश अधिक तेज़ी से प्रगति कर रहा था।
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने अपने भाषण में कहा है कि “एक के बाद एक दो झटकों से देश के विकास को गहरा धक्का लगा है। देश के विकास की दर में तब कमजोरी आई है, जब वैश्विक विकास दर तेज़ी से आगे बढ़ रही है।”
रघुराम राजन के अनुसार देश में वर्तमान में चल रही 7 प्रतिशत की विकास दर देश में फैली बेरोज़गारी को देखते हुए काफी नहीं है। इसके लिए देश इस स्तर पर अपने आप को संतुष्ट नहीं कर सकता है।
देश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए राजन ने कहा है कि देश कि अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव रखती है, ऐसे में वैश्विक अर्थव्यवस्था के आगे बढ्ने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ती है।
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राजन ने वर्ष 2017 में देश की आर्थिक विकास दर में आई कमी के लिए जीएसटी को पूर्णतया दोषी बताया है।
उन्होने बताया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ते तेल के दामों ने देश की व्यवस्था पर अधिक परेशानी पर खड़ा कर दिया है, जबकि देश अभी भी नोटबंदी व जीएसटी के सही तैयारी के साथ न लागू होने से पैदा होने वाले प्रभावों से लड़ रहा है।
राजन के अनुसार देश को अगले 10 से 15 सालों तक 7 प्रतिशत से अधिक की दर से विकास करना होगा।
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