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    अमेरिका सऊदी अरब

    पत्रकार जमाल खशोगी को हत्या के बाद अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों में तल्खियां शुरू हो गयी थी। यमन में छिड़ी जंग में सऊदी अरब के लड़ाकू विमानों में ईंधन खुद भरने के निर्णय का अमेरिका ने स्वागत किया है। यमन में अमेरिका सऊदी नेतृत्व के 20 फीसदी जंगी विमानों का ईंधन भरता था। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि अमेरिका के साथ चर्चा के बाद सऊदी अरब के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं।

    उन्होंने कहा कि यमन में अपने अभियान को सफल करने के लिए सऊदी अरब के अपनी सैन्य क्षमता को दर्शाते हुए ईंधन की पूर्ति कर का निर्णय बेहद उम्दा है। उन्होंने कहा कि हम उनके इस फैसले का समर्थन करते हैं । हाल ही में सऊदी अरब ने कहा था कि अमेरिका के साथ चर्चा करने के बाद हमने फैसला लिया कि यमन में जंगी विमानों में ईंधन भरने का कार्य अब हम खुद करेंगे।

    सऊदी अरब के मुताबिक रियाद और उसके साझेदार ईंधन भरने की अपनी क्षमता को बढ़ाना में सक्षम है। हाल ही में वांशिगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि सऊदी अरब के नेतृत्व में हुए हवाई हमलों में यमन में बच्चो सहित हज़ारों नागरिकों की मौत हुई है।

    अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिका इस विवाद का समाधान निकालने को कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यमन में मानवीय सहायता के लिए वह इस गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे। बीते अगस्त पेंटागन ने कहा था कि अमीयक इस गठबंधन में बगैर शर्तों के नही है और वहां बेकसूरों की जीवन को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

    साल 2015 में सऊदी अरब और उनके समर्थकों ने इस जंग को शुरुआत की थी। खबरों के मुताबिक इस जंग में अभी तक 10000 आम नागरिक मारे जा चुके हैं। अमेरिका इस जंग में सऊदी अरब का साथी है जिसका मकसद यमन में ईरानी प्रभाव को कम करना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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