नॉर्वे के पूर्व प्रधानमन्त्री क्जेल्ल मागने बोंदेविक गत माह कश्मीर की यत्र पर गए थे, जिस पर सरकार के आलोचकों ने काफी सवाल उठाये थे। सरकार ने राज्यसभा में अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि नॉर्वे के पूर्व पीएम कश्मीर में अपनी निजी यात्रा पर थे।
नॉर्वे के पूर्व प्रमुख की कश्मीर यात्रा पर सवाल
नॉर्वे के पूर्व प्रधानमन्त्री ने नवम्बर में कश्मीर में दौरा करते हुए दिखे थे और हुर्रियत के नेताओं से भी उन्होंने मुलाकात की थी। पूर्व प्रधानमन्त्री की इस गुपचुप यात्रा पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाया कि सरकार जवाब दें, कि एक नेता सीमा पर क्या कर रहा था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मंत्री सुषमा स्वर को ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि क्या सुषमा स्वराज और अजित डोभाल को नॉर्वे के पूर्व प्रधानमन्त्री की आवभगत नहीं करनी चाहिए थी या हम अफवाहों और अटकलों पर भरोसा कर लें।
वह निजी दौरे पर थे
राज्य सभा में इस सवाल का उत्तर देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि “बोंदेविक भारत में अपनी निजी यात्रा पर थे और उन्हें आर्ट ऑफ़ लिविंग के लिए आमंत्रित किया गया था।” उन्होंने कहा कि वह हुर्रियत सामेलन सहित कई लोगों से मिले, उनकी यात्रा के आयोजन में सरकार शामिल नहीं थी।
सुषमा स्वराज ने कहा कि शिमला समझौते के तहत भाररत के हालिया स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं है और लाहौर घोषणा के तहत, भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय मसलों को जाहिर करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें किसी तीसरे की कोई भूमिका नहीं है।
अलगाववादियों से मुलाकात
नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री क्जेल्ल मागने बोंदेविक ने शुक्रवार को अलगाववादियों के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सय्यद अली गिलानी आवास पर हुई थी। वरिष्ठ अलगावादी नेता मिर्वैज़ उमर फारूक ने ट्वीट कर कहा कि जोनित रेजिस्टेंस लीडरशिप के साथ मुलाकात फलदायी रही थी। उन्होंने कहा कि विश्व में चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए नॉर्वे एक अलहदा किरदार निभा रहा है। उन्होंने बोंदेविक से आग्रह किया है कि कश्मीर में रोजाना हो रही हत्याओं पर रोक लगाये और कश्मीर मसले का जल्द कोई हल निकाले।
बोंदेविक नोर्वे में उस समय पीएम पद पर आसीन थे, जब 2002 में उन्होंने तमिल टाइगरस के साथ मिलकर सीजफायर का उल्लंघन किया था और अंतिम जंग का नेतृत्व कर, लिबरेशन टाइगरस ऑफ़ तमिल इल्लम को तबाह कर दिया था।