Mon. Jan 27th, 2025
    PM KP Sharma Oli during foundation-stone laying ceremony of Prime Minister Residency building on the Baluwatar premises,Kathmandu on Thursday . POST PHOTO:PRAKASH CHANDRA TIMILSENA/KANTIPUR

    नेपाल (Nepal) में राजनीतिक अशांति चल रही है। नेपाल में इस वक्त की मौजूदा सरकार ने देश की संसद भंग करने की घोषणा की है। ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने संसद भंग कर दी है। ओली सरकार के इस फैसले से वहां की राजनीति में तो हलचल हुई ही है साथ ही वहां के न्यायालय ने भी सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इस पर विपक्ष के ‘प्रचंड’ खेमे ने ओली सरकार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का फैसला किया है।

    अब इस वक्त स्वयं ओली कैबिनेट के भी सात मंत्री भी सरकार के समर्थन में नहीं है। विरोध जताने के लिये सातों मंत्रियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहां की राष्ट्रपति ने मध्यावधि के चुनावों की तारीख की घोषणा भी कर दी है। ये चुनाव अप्रैल- मई में होने हैं।विपक्ष इस फैसले के बाद ओली के विरोध में उतर चुका है। विपक्ष ने इस संसद भंग करने के फैसले को निंदनीय बताया है।

    पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि नेपाल सरकार चीन के प्रभाव में आ रही है। इस फैसले में भी कहीं न कहीं चीनी चाल का हाथ हो सकता है। मौजूदा नेपाली सरकार के संबंध चीन से काफी घनिष्ठ हैं। नेपाल सरकार का ये फैसला भारत को यूं तो कुछ खास प्रभावित नहीं करेगा लेकिन हो सकता है कि अब नेपाल भारत को सैन्य रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास करे।

    नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार दो फाड़ हो चुकी है। कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ नेता इस फैसले को रद्द करने और संसद वापस स्थापित करने के लिये कोर्ट पहुंच चुके हैं। कोर्ट मध्यावधि चुनावों के बाद नई सरकार के गठन को मंजूरी देगा। इस तरह से नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो फाड़ होती दिख रही है। नेपाल के राजनीतिक इतिहास में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *