Thu. Apr 25th, 2024

    मध्य प्रदेश सरकार ने आज धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश लव जिहाद पर कानून पारित करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। सबसे पहले लव जिहाद पर कानून उत्तर प्रदेश सरकार ने पारित किया था। 28 दिसम्बर को इस विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा। वहां से पास होने पर ये विधेयक कानून का रूप ले लेगा। इस विधेयक में कुल 19 प्रावधान हैं। माना जा रहा है कि ये विधेयक धर्म परिवर्तन पर सबसे  कठोरतम कानून बन सकता है।

    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश में किसी तरह का बलपूर्वक धर्म परिवर्तन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि कोई किसी को प्रलोभन आदि देकर अनैतिक रूप से धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसको इस विधेयक के तहत दस साल की सज़ा व पचास हजार तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस विधेयक के तहत यदि शादी टूटती भी है तो संतान को संपत्ति में अधिकार मिल सकेगा। साथ ही मां के लिये गुजारे भत्ते का भी प्रावधान रहेगा।

    इस कानून में धर्म परिवर्तन करवाने वाला आरोपी ही नहीं बल्कि करने में सहायता करवाने वाला मौलवी व पंडित भी सजा के हकदार होंगे। यदि धर्म परिवर्तन का आरोप गलत है तो यह सिद्ध करना भी आरोपी की ही जिम्मेदारी होगी। अनुसूचित जाति – जनजाति के धर्म परिवर्तन पर अधिकतम 10 साल कारावास तथा कम से कम ₹50000 का अर्थदंड होगा । अपना धर्म छुपाकर धर्म परिवर्तन करवाने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल तक का कारावास और ₹50000 अर्थदंड होगा । सामूहिक धर्म परिवर्तन पर एक लाख तक के अर्थदंड की प्रस्तावना है । साथ ही मामले का जांच वह अधिकारी करेगा जो उपनिरीक्षक व उस से ऊपर के स्तर का होगा।

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