Mon. May 6th, 2024
    बर्ड फ्लू के कारण पहली मौत

    नेपाल की मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड पॉपुलेशन ने गुरूवार को देश में बर्ड फ्लू से पहली मौत की पुष्टि की है। इलाज के दौरान 21 वर्षीय युवक की मौत हो गयी थी। मृतक की पहचान को उजागर नहीं किया गया है लेकिन वह कवरीलान्चोक जिले से हैं।

    मंत्रालय के मुताबिक, बुखार और खासी के कारण 24 अप्रैल को युवक को काठमांडू लाया गया था। मृतक के ब्लड सैम्पल्स को जापान भेज दिया गया है क्योंकि स्थानीय डॉक्टर वायरस का पता लगाने मासफल हो गए थे।

    इसकी रिपोर्ट 30 अप्रैल को मिली थी और इसकी पुष्टि की गयी कि वह व्यक्ति एवियन इन्फ्लुएंजा से पीड़ित था जिसमे बर्ड फ्लू के सामान्य नाम से जाना जाता है।

    इस वारदात के बाद चिंतित विभागों ने इस वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए तीव्र निगरानी के आदेश दिए हैं। एच5एन1 एक जानलेवा बर्ड फ्लू वायरस है जो उच्च स्तर का विकृतिजनक है।

    मानव में इसका पहला इन्फेक्शन साल 1997 में हांगकांग में  मिला था और इसके बाद यह वायरस एशिया, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, यूरोप और विश्व के अन्य भागो में में फैलने लगा था और इससे इस इन्फेक्शन से हज़ारो लोग ग्रसित हो गए थे।

    बर्ड फ्लू बीमार पक्षियों के संपर्क में आने और एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से भी से फैलता है। इसके लक्षण दो से आठ दिनों में दिखना शुरू हो जाते हैं और यह सामान्य फ्लू की तरह होते हैं। इस दौरान खांसी, दर्द, दिरदर्द और सांस फूलने की समस्या हो सकती है।

    इस रोग के कारण बड़ी तादाद में लोगों की मृत्यु हो जाती है। अगर लक्षण दिखने के 2 दिन के अंदर कुछ खास वायरस-रोधी (एंटीवायरल) दवाएं ले ली जाएं, तो इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। खांसते या छींकते समय हवा के साथ निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों से यह रोग काफी तीव्रता से फैलता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *