Thu. Dec 19th, 2024
    जियो-एयरटेल को फायदा

    अभी हाल में नेट न्यूट्रैलिटी पर ट्राई ने कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट एक्सेस देना होगा। अब कोई कंपनी कॉन्टेंट के आधार पर नेट स्पीड तेज या कम नहीं कर सकती। ट्राई ने नेट न्यूट्रैलिटी पर सुझाव देते हुए लाइसेंस एग्रीमेंट संशोधन में इस बात का उल्लेख किया है कि सर्विस प्रोवाइडर के ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। यहां तक कि कंटेट डिलिवरी नेटवर्क्‍स को नियमन से बाहर रखा गया है।

    ट्राई द्वारा नेट न्यूट्रैलिटी के तहत कंटेट डिलिवरी नेटवर्क्‍स यानि सीडीएन को नियमन से मुक्त करने के इस फैसले से टेलिकॉम सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को बड़ा फायदा हो सकता है। आप को बता दें कि कॉन्टेंट डिलिवरी नेटवर्क, टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को बिना किसी सार्वजनिक इंटरनेट का इस्तेमाल किए अपने निजी नेटवर्क द्वारा कॉन्टेंट डिलिवर करने में सक्षम बनाता है। ऐसे में एयरटेल और रिलायंस जिओ दोनों के पास अपने कॉन्टेंट और एप्लिेकेशन्स हैं, अत: यह कंपनियां अपने यूजर्स को सीडीएन के माध्यम से अपने कॉन्टेंट आसानी से डिलिवर कर सकती हैं।

    जियो-एयरटेल को सीडीएन का ऐसे मिलेगा लाभ

    एडलवाइस के एक रिसर्च के मुताबिक, ट्राई की ओर से प्रस्तावित नियमों में एकीकृत आॅपरेटर्स को पब्लिक नेट सर्विस प्रोवाइडर्स के खिलाफ अप्रत्यक्ष तरीके से मदद देने की कोशिश की जा रही है। क्योंकेि निजी कॉन्टेंट प्लेटफॉर्म से ऐसे टेलिकॉम आपरेटर्स नेटवर्क का इस्तेमाल कर अपने हिसाब से मूल्यों को निर्धारित करने में सक्षम होंगे। इस प्रकार एकीकृत आॅपरेटर्स को ट्राई के इस फैसले से ज्यादा लाभ हो सकता है।

    एडलवाइस ने उम्मीद जताई है कि ट्राई के नेट न्यूट्रैलिटी फैसले से रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को विशेष फायदा होने वाला है, क्योंकि उनके पास पहले से ही निजी कॉन्टेंट प्लेटफार्म मौजूद है।  बतौर उदाहरण रिलायंस जियो के पास जियो टीवी, जियो सिनेमा, जियो मैजिक, जियो क्लाउड, जियो मैग्ज एवं विभिन्न न्यूज नेटवर्क्स का स्वामित्व है।

    वहीं भारती एयरटेल के पास विंक मूवीज, विंक म्यूजिक तथा विंक गेम्स जैसे निजी कॉन्टेंट पहले से ही मौजूद हैं।  इस प्रकार ये दोनों कंपनियां अपने निजी कॉन्टेंट प्लेटफॉर्म के जरिए यूजर्स से कम कीमत पर ज्यादा फायदा उठा सकती हैं।