शनिवार को एक विशेष अदालत में, घोटालेबाज नीरव मोदी के वकील ने कहा कि वे भारत वापस नहीं आ सकते क्योंकि उन्हें डर है कि यहाँ उन्हें मार दिया जाएगा। मगर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने उनके इस दावे को ठुकराते हुए कहा कि अगर उनकी सुरक्षा को इतना ही खतरा है तो उन्हें पुलिस के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी।
‘प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लौन्देरिंग एक्ट'(पीएमएलए) कोर्ट के जज एमएस आज़मी के सामने नीरव के वकील विजय अग्रवाल , ईडी की एप्लीकेशन के खिलाफ बोल रहे थे जिसमे उन्होंने नीरव मोदी को ‘भगोड़ा आर्थिक आपराधिक अधिनियम’ के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया था।
ईडी ने कहा कि मोदी का सुरक्षा खतरा वाला दावा बेतुका है। उन्हें पहले भी मेल के द्वारा कई बार भारत बुलाया गया है मगर वे नहीं आये। दरअसल वे भारत वापस आना ही नहीं चाहते।
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की भारतीय एजेंसी जांच पड़ताल कर रही है। जबसे पंजाब नेशनल बैंक ने उन दोनों पर 13,600 करोड़ रूपये का घोटाला करने का इलज़ाम लगाया था तभी से ये दोनों फरार हैं।
इस साल जनवरी से ही इन दोनों ने भारत छोड़ दिया था। नीरव मोदी इस वक़्त यूनाइटेड किंगडम में है और चौकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले रखी है और वर्तमान में कॅरीबीयन देश में हैं।
जुलाई में, ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दो अलग अलग एप्लीकेशन दायर की थी जिसमे नीरव और मेहुल की सारी संपत्ति को ‘भगोड़ा आर्थिक आपराधिक अधिनियम’ के तहत जब्त करने की मांग की गयी थी।
शनिवार को मोदी के वकील ने कहा- “मुख्य कारण जिसकी वजह से ईडी, नीरव मोदी को भगोड़ा घोषित करने की कोशिश कर रही है वो ये है कि उन्होंने 1 जनवरी 2018 को संदिग्ध परिस्थितियों में देश छोड़ दिया था। हालांकि जब उन्होंने देश छोड़ा था तब उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज़ नहीं था। वो सिर्फ ये नहीं कह सकते कि उन्होंने संदिग्ध परिस्थितियों में देश छोड़ा था उन्हें ये भी स्पष्ट करना होगा कि वो शक क्या थे। ऊपर से ऐसा कही भी दर्ज़ नहीं है जिसमे ये लिखा हो कि वे वापस भारत आने से मना कर रहे हैं।”