बिहार विधानसभा में भारी शोर-शराबे और हंगामे के बीच विश्वासमत प्रस्ताव पर शुरू हुई वोटिंग का परिणाम आ गया है। नीतीश कुमार ने विधानसभा में सरकार बनाने के लिए जरुरी विश्वासमत हासिल कर लिया है। उन्होंने बहुमत के लिए जरुरी 122 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा प्राप्त कर लिया है। बता दें कि महागठबंधन का साथ छोड़ भाजपा का हाथ थामने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में ही उनके विरोध में स्वर फूटने लगे थे। इस वजह से उनके बहुत साबित करने की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ था। आज बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में नीतीश कुमार को अपना बहुमत साबित करना था और उन्होंने सुबह 11:15 बजे विश्वासमत का प्रस्ताव दाखिल किया था। उनके साथ सरकार में उनके सहयोगी और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी थे। तेजस्वी यादव ने विपक्ष के नेता की कुर्सी संभाली थी और इस प्रस्ताव का विरोध किया था।
नीतीश के पक्ष में पड़े 131 मत
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से नीतीश कुमार के पक्ष में 131 विधायकों ने मतदान किया। भाजपा-जेडीयू गठबंधन पहले से ही 132 विधायकों के समर्थन होने का दावा कर रहा था। परिणामों के बाद पिछले 2 दिनों से बिहार की राजनीति में मची उथल-पुथल अब शांत होती दिख रही है। आंकड़े बिहार में सरकार को स्थिरता देने के लिए पर्याप्त है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही मन्त्रिमण्डल विस्तार की घोषणा करेंगे। भाजपा के 13 विधायकों समेत जीतन राम मांझी के भी मन्त्रिमण्डल में शामिल होने की संभावना है।
तेज प्रताप ने नीतीश को कहा ‘आस्तीन का सांप’
नीतीश कुमार पर आरजेडी का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। विधानसभा के बाहर आरजेडी विधायकों के प्रदर्शन के बाद लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने ट्वीट के माध्यम से नीतीश पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘नागपंचमी’ की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अब तक हमने नीतीश कुमार पर आँख मूँद कर भरोसा किया था। उन्होंने हमारे साथ-साथ 12 करोड़ जनता का भरोसा तोड़ा है। नीतीश कुमार महागठबंधन के आस्तीन के सांप निकले।
राहुल गाँधी ने कल नीतीश कुमार को ‘धोखेबाज’ बताया था और तेजस्वी यादव ने भी उन्हें ‘विश्वासघाती’ कहा था। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें ‘भस्मासुर’ की संज्ञा दी थी।