बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने खिलाफ हो रही बयानबाजी और आरोपों को लेकर आज लालू यादव और तेजस्वी यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने बाप-बेटे को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझ पर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाने वाले पहले अपनी करनी देख लें। जनता का जनादेश आपको जनता के हित में कार्य करने के लिए मिला था, पारिवारिक राजभोग का सुख उठाने के लिए नहीं। उन्होंने आज बिहार विधानसभा में भारी शोर-शराबे के बीच अपनी बात रखी।
आज सुबह 11:15 बजे नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वासमत प्रस्ताव दाखिल किया था। उनके साथ उनके सहयोगी और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी थे। विपक्ष के नेता की कुर्सी पर बैठे तेजस्वी यादव ने इसका विरोध किया था। इस प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे वोटिंग शुरू हुई थी और 1 बजे इसके नतीजे घोषित हुए। नतीजों के अनुसार नीतीश कुमार के पक्ष में 131 वोट पड़े और उनके विरोध में 108 वोट पड़े। इस तरह जेडीयू-भाजपा के गठबंधन की नीतीश सरकार ने 122 के जरुरी आंकड़े को पार कर अपना बहुमत साबित कर दिया था।
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की शर्तों के मुताबिक़ कांग्रेस को 15-20 सीटें मिलनी थी लेकिन फिर भी हमने उन्हें 40 सीटों पर लड़ाया। कांग्रेस बिहार में अपना वजूद खो चुकी थी और हमने उसे सँभालने का काम किया है। इसके बाद भी वो हमें ‘विश्वासघाती’ कह रहे हैं और हमपर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कल नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाया था।
लालू यादव पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जनता ने हमें समर्थन किसी एक परिवार की सेवा करने के लिए नहीं दिया था। सरकार के कन्धों पर 12 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति विशेष के हित के लिए वे अपने सिद्धांतों और सुशासन से समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुझे धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ने वालों को स्वयं जनता की सेवा की तरफ ध्यान देना चाहिए और जनता के हित में काम करना चाहिए। नीतीश ने कहा कि चाहे जिस किसी की भी संलिप्तता हो, भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।