नीति आयोग ने ‘India’s Booming Gig and Platform Economy’ रिपोर्ट में कहा कि भारत के गिग वर्कफोर्स के 2020-21 में 77 लाख से 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने की उम्मीद है। थिंक टैंक नीति आयोग ने इस रिपोर्ट में गिग वर्कफोर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा उपायों का विस्तार करने की सिफारिश की है।
थिंक टैंक ने श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता में साझेदारी मोड में सामाजिक सुरक्षा उपायों का विस्तार करने की बात कही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2029-30 तक भारत में गैर-कृषि workforce का 6.7 प्रतिशत या कुल आजीविका का 4.1 प्रतिशत गिग श्रमिकों के बनने की उम्मीद है।
Pleasure to join the launch @NITIAayog's report on India's booming gig and platform economy. The report is a unique and first-of-its-kind study that explores the potential of this sector in 🇮🇳. It suggests measures to enhance employment and initiatives for social security. pic.twitter.com/96yhWNSHFM
— Amitabh Kant (@amitabhk87) June 27, 2022
रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि 2020-21 में, 77 लाख श्रमिक गिग इकॉनमी में लगे हुए थे और वे भारत में गैर-कृषि कार्यबल का 2.6 प्रतिशत या कुल workforce का 1.5 प्रतिशत थे।
इसी तरह, यह अनुमान लगाया गया है कि 2019-20 में 68 लाख गिग वर्कर थे, जो प्रिंसिपल और सब्सिडियरी स्टेटस दोनों का उपयोग करते हुए, गैर-कृषि workforce का 2.4 प्रतिशत या भारत में कुल श्रमिकों का 1.3 प्रतिशत थे।
गिग श्रमिक कुछ व्यक्तिगत विशेषताओं के संदर्भ में पारंपरिक श्रमिकों से भिन्न प्रतीत होते हैं। गिग वर्कर तुलनात्मक रूप से यंग होते हैं, गिग वर्क पर दिन में कम घंटे काम करते हैं, एक लचीली वर्क शेड्यूल पसंद करते हैं, इनकी शिक्षा आमतौर पर निम्न से मध्यम स्तर की होती है।
गिग वर्क के माध्यम से आय उनकी आय का प्राथमिक स्रोत नहीं है और वे अक्सर एक और नियमित नौकरी करते हैं।
#NITIAayog launched a report on India’s Booming Gig and Platform Economy: Perspectives and Recommendations on the Future of Work today.
👉 The report was launched by #NITIAayog VC @suman_bery, CEO @amitabhk87 and Special Secretary Dr K Rajeswara Rao. pic.twitter.com/NGLjV6NzTK
— NITI Aayog (@NITIAayog) June 27, 2022
रिपोर्ट ने प्लेटफ़ॉर्म के साथ क्षेत्रीय और ग्रामीण व्यंजन, स्ट्रीट फ़ूड आदि बेचने के व्यवसाय में लगे स्व-नियोजित व्यक्तियों को जोड़ने के लिए विशेष रूप से प्लेटफ़ॉर्म श्रमिकों के लिए डिज़ाइन किए गए उत्पादों के माध्यम से वित्त तक पहुँच में तेजी लाने की सिफारिश की है। ताकि वे अपनी उपज को कस्बों और शहरों के व्यापक बाजारों में बेच सकें।
रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक वर्गीकरण के संदर्भ में, लगभग 26.6 लाख गिग श्रमिक खुदरा व्यापार और बिक्री में शामिल थे, और लगभग 13 लाख परिवहन क्षेत्र में थे। इसमें कहा गया है कि लगभग 6.2 लाख विनिर्माण और अन्य 6.3 लाख वित्त और बीमा गतिविधियों में थे।
वर्तमान में गिग वर्क का लगभग 47 प्रतिशत मध्यम कुशल नौकरियों में, 22 प्रतिशत उच्च कुशल नौकरियों में और लगभग 31 प्रतिशत कम कुशल नौकरियों में है।