केंद्र की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को समाप्त कर उसकी जगह नीति आयोग की स्थापना की थी। नीति आयोग 1 जनवरी, 2015 को अस्तित्व में आया था और इसके गठन का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों का निर्धारण करना था। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मास्टर स्ट्रोक्स” में से एक कहा गया था। नीति आयोग ने आगामी 3 वर्षों के लिए अपना एक्शन प्लान पेश किया है। मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2019-20 तक के लिए ये एक्शन प्लान जारी किये गए हैं। इसके तहत वित्त वर्ष 2019-20 तक नीति आयोग और केंद्र सरकार की योजना देश में सस्ता पेट्रोल, डीजल उपलब्ध कराने और 24 घंटे विद्युत् आपूर्ति देने की है। इसके अतिरिक्त 100 स्मार्ट शहरों में गेल के वितरण केंद्र नेटवर्क को खड़ा करने को भी कहा गया है।
एक्शन प्लान का मुख्य उद्देश्य
नीति आयोग द्वारा पेश आगामी 3 सालों के एक्शन प्लान का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “न्यू इंडिया” के सपनों को उड़ान देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिक्र की गई सारी बातों का इसमें समावेश देखने को मिलता है। नीति आयोग ने अपना एक्शन प्लान इस वर्ष अप्रैल में ही पूरा कर लिया था जिसके बाद राज्यों से इसपर सुझाव मांगे गए थे। उनके सुझावों का समावेश करके नीति आयोग ने अब इस एक्शन प्लान को पेश किया है। नीति सरकार को केंद्र की मोदी सरकार का सबसे अहम थिंक टैंक माना जाता है। इसे योजना आयोग की जगह लेने के लिए तैयार किया गया था।
1 जनवरी, 2015 को गठन होने के बाद से नीति आयोग विगत 2 वर्षों से देश के सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कारकों का अध्ययन कर उनका खाका तैयार कर रहा था। इस 3 वर्षों के प्रस्तावित एक्शन प्लान के बाद नीति आयोग अब 7 वर्ष और 15 वर्ष के विस्तृत एक्शन प्लान पर काम कर रहा है। नीति आयोग के एक्शन प्लान के मुताबिक़ देश में बदलाव के लक्षण 80 के दशक में दिखने शुरू हुए और 1991 का आर्थिक उदारीकरण इस बदलाव का टर्निंग प्वाइंट रहा। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान विकास दर 6 फ़ीसदी पर जा पहुँची और फिर मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान यह 8 फ़ीसदी के दर तक पहुँच गई।
विकास दर पर ध्यान, होगा मनरेगा का सोशल ऑडिट
नीति आयोग अपने 3 वर्षों के एक्शन प्लान के तहत विकास दर को मजबूत रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। नीति आयोग अपने एक्शन प्लान के तहत आगामी 3 वर्षों में ग्रामीण विकास, कृषि, शिक्षा, रेलवे, राजमार्ग, रक्षा, स्वास्थ्य के विकास पर अपना मद बढ़ाकर मोदी सरकार के “सबका साथ, सबका विकास” के कथन को चरितार्थ करने की दिशा में काम करेगी।
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को मजबूत बनाये जाने के सुझाव पर जोर देते हुए नीति आयोग ने इसके सोशल ऑडिट कराये जाने की वकालत की है। नीति आयोग ने कहा है कि 3 वर्षीय एक्शन प्लान के तहत किसी स्वतंत्र इकाई से मनरेगा का सोशल ऑडिट कराया जान चाहिए और इसपर स्थानीय स्टार पर सुझाव लिए जाने चाहिए।