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    नितीश कुमार का दावा: अमित शाह ने मुझे दो बार प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल करने के लिए कहा

    बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें दो बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी में शामिल करने का सुझाव मिला है।

    किशोर को पिछले साल सितम्बर में जदयू में शामिल किया गया था और उन्हें कुछ ही हफ्तों में उपाध्यक्ष के पद तक पहुँचा दिया गया। इस कदम से ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि कुमार उन्हें अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी की तरह मानते हैं।

    और इसी बात पर उन्होंने एक प्राइवेट न्यूज़ चैनल द्वारा आयोजित समारोह में कहा-“वह हमारे लिए कोई नवागंतुक नहीं थे। उन्होंने हमारे साथ 2015 के विधानसभा चुनाव में काम किया हुआ है। कुछ वक़्त के लिए, वे कई और व्यस्त थे। कृपया सब जान ले कि किसी और ने नहीं बल्कि अमित शाह ने मुझे किशोर को जदयू में शामिल करने के लिए दो बार बोला है।”

    उन्होंने आगे कहा-“प्रशांत किशोर को सभी सामाजिक क्षेत्रों से लेकर राजनीति में युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करने का काम सौंपा गया है, जो राजनीतिक परिवारों में पैदा नहीं होने वाले लोगों के लिए दुर्गम हो रहा था। मेरे मन में प्रशांत किशोर को लेकर बहुत स्नेह है। मगर कृपया कर उत्तराधिकारी की बात नहीं करते हैं। यह राजतंत्र नहीं है।”

    उन्होंने कहा कि उनके अन्दर राजद नेता तेजस्वी यादव को लेकर भी बहुत सारा प्यार है भले ही उन्होंने उनके खिलाफ कितनी भी तीखी भाषा का प्रयोग क्यों ना किया हो।

    उनके मुताबिक, “लालू के साथ भी, मेरे राजनीतिक मतभेद हैं। इससे हमारे व्यक्तिगत रिश्तों पर कभी कोई प्रभाव नहीं पड़ा।”

    उन्होंने ये भी कहा कि तेजस्वी और पूर्व यूपी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ये याद रखना चाहिए कि वे जब भी चुनावों में जीत हासिल करते हैं तो वे केवल लोगों से किये गए वादों और उनके आशीर्वाद से करते हैं, नाकी अपने पारिवारिक प्रष्ठभूमि के आधार पर।”

    उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा-“महात्मा गाँधी ने बिना सिद्धान्तों की राजनीती को एक सामाजिक पाप माना है। वंशवाद की राजनीति, जिसके मैं हमेशा खिलाफ रहा हूँ, बिना सिद्धान्तों की राजनीती का एक उदाहरण है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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