क्रिकेटर पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw), प्रख्यात गायक सोनू निगम (Sonu Nigam) और अभिनेत्री आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के साथ बीते दिनों में जो हुआ; वह दर्शाता है कि मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के जमाने मे सेल्फ़ी-कल्चर (Selfie Culture) किसी व्यक्ति विशेष के निजता के अधिकार (Right to Privacy) पर किस कदर हावी है।
मीडिया खबरों के मुताबिक मुम्बई में क्रिकेटर पृथ्वी शॉ एक रेस्तरां में डिनर के लिए गए थे। तभी इंस्टाग्राम मॉडल (Instagram Influencer) और भोजपुरी सिनेमा की अदाकारा सपना गिल (Actress Sapna Gill) ने पृथ्वी शॉ के साथ सेल्फी लेना चाह रही थीं। शॉ ने इस सेल्फी फ्रेम में आने से इनकार किया।
इसके बाद सपना गिल और उनके दोस्तों ने पृथ्वी शॉ के कार पर बेसबॉल के बैट से हमला कर दिया। अव्वल तो यह कि जब मामला तूल पकड़ने लगा तो सपना गिल ने क्रिकेटर पृथ्वी पर ही छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया ।
मामला कोर्ट में है और जो भी फैसला होगा, वह होगा। लेकिन 23 वर्षीय युवा प्रतिभावान क्रिकेटर पृथ्वी का नाम फिर से विवादों में ऐसे वक्त पर आया है जो उनके कैरियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण वक़्त है और भारत की राष्ट्रीय टीम में वापसी का राह टटोल रहे हैं।
प्रसिद्ध गायक सोनू निगम के साथ भी ऐसा ही वाकया हुआ। मुंबई के चेम्बूर में एक संगीत समारोह (Musical Concert) में सोनू निगम के किसी प्रसंशक ने उनके साथ सेल्फी लेने के लिए स्टेज पर जाने की कोशिश किया। सोनू निगम के बॉडीगार्ड ने जब उसे रोका तो हाथापाई की नौबत आ गयी जिसमे बॉडीगार्ड समेत कई लोग घायल हो गए।
After the concert, I was coming down from stage when a man Swapnil Prakash Phaterpekar held me. Then he pushed Hari & Rabbani who came to save me. Then I fell on steps. I filed a complaint so that people should think about forcefully taking selfies & causing scuffle: Sonu Nigam https://t.co/RVFONXeQ79 pic.twitter.com/JxtfCVIaQj
— ANI (@ANI) February 20, 2023
तीसरा और सबसे अलग वाकया आलिया भट्ट के साथ हुआ जब उन्होंने देखा कि सोशल मिडिया पर उनकी प्राइवेट तस्वीरें वायरल हो रही थीं। चौंकाने वाली बात तो यह कि ये सभी तस्वीरें उनके बांद्रा (मुंबई) स्थित घर के भीतर की थीं, जो किसी ने बिना उनके इजाज़त के खींची और वायरल किया था।
भारत मे पहले भी कई दफा छोटी बडी ऐसी घटनाएं होती रहीं हैं जब हॉलीवुड एक्ट्रेस एम्मा वाट्सन (Emma Watson), जेनिफर लॉरेंस (Jenifer Lawrence) कैमेरून डियाज (Cameron Diaz) आदि ने सेल्फी लेने या साथ मे खिंचवाने से मना किया है।
सेल्फी-कल्चर का शिकार समाज
अब इन घटनाओं में कुछ समानताएं हैं- सेलेब्रिटी की निजता के अधिकार पर उनके प्रशंसकों की उनके साथ सेल्फी (Selfie) लेने की चाह का हावी हो जाना। नई पीढ़ी के युवाओं के बीच सोशल मीडिया पर किसी सेलिब्रिटी के साथ तस्वीर लगाकर अपने आस पास के लोगों के बीच 2 मिनट की खुशियों की चाहत लगातार घर कर गयी है।
असल मे एक जमाना था जब लोग ऑटोग्राफ के लिए सेलेब्रिटी के पीछे भागते थे। पर आज ऑटोग्राफ की जगह “फोटोग्राफ” ने ले लिया है।
एक अदना सा कोई घरेलू फंक्शन हो या किसी की शादी हो लोग उस पल की यादें अपने दिल-ओ-दिमाग मे संजोने के बजाए, “कैमरा-रेडी-एक्शन-क्लिक…..एक्शन-क्लिक-क्लिक” मोड पर रहते हैं। मेरा निजी अनुभव तो यह है कि मुझे अपने मित्रों और परिवार वालो के ताने अक्सर सुनना पड़ता है और वह महज़ इसलिए कि सेल्फी लेने की ना आदत है ना पाउट बनाने की कला।
हम किसी की भी तस्वीरें बिना उसकी इजाज़त के अपने मोबाइल कैमरे में उतार लेते हैं। फ़िर बात यहीं तक सीमित हो, ऐसा नहीं है। 4-G और 5-G के स्पीड वाले इंटरनेट रूपी वरदान का इस्तेमाल कर हम उसे मिनटों में दुनिया के किसी भी कोने में वायरल कर देते हैं बिना यह सोचे समझे कि इस से किसी की निजता का हनन हो सकता है।
यह सच है कि सेलिब्रिटी भी अपने प्रशंसकों के साथ अक्सर सेल्फी खिंचवाने का मौका देते रहते हैं। लेकिन एक प्रशंसक को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह तय करना कि वे किसी वक़्त या स्थान पर आपके साथ तस्वीरें खिंचवाने या ऑटोग्राफ देने में सहज है या नहीं, उन सेलेब्रिटीज़ का मौलिक अधिकार है।
निजता का अधिकार (Right to privacy)
पृथ्वी शॉ या सोनू निगम या आलिया भट्ट के साथ अभी जो हुआ, वह उनके मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का हनन है। यह उनके निजता का अधिकार (Right to Privacy) का हनन है।
भारत का संविधान अपने हर नागरिक को अनुच्छेद 21 (Article 21 of Indian Constitution) के तहत जीवन का अधिकार (Right to Life) का अधिकार देता है। इन्हीं अधिकारों के अंदर एक लंबे बहस और संवैधानिक प्रक्रिया के द्वारा निजता का अधिकार (Right to Privacy) भी शामिल है।
इसलिए किसी के निजता (Privacy) का हनन कोई छोटी बात नहीं है। यह संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार का हनन है। मौलिक अधिकारों को लेकर यह संवैधानिक व्यवस्था है कि जब कभी किसी भी नागरिक का मौलिक अधिकार का हनन होता है तो किसी निचली अदालत में वह वह सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकता है।
निजता (Privacy) और अभिगम्यता (Accessibility) के बीच की लक्ष्मण रेखा
सेलेब्रिटीज़ भी अक्सर कभी एयरपोर्ट पर, तो किसी रेस्तरां में या फिर किसी शो आदि में अपने फैन के लिए वक़्त निकालते रहते हैं। इन तस्वीरों या ऑटोग्राफ के सहारे छोटे-बड़े प्रशंसक भी सोशल मीडिया और अपने आस पास के संबंधों में अपना प्रभाव जमा लेते हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीर या किसी पोस्ट पर कितने लाइक, कॉमेंट्स और रिट्वीट जैसे मापदंडों को आज का आम आदमी अपनी लोकप्रियता को साबित करने के लिए अक्सर ही आजमाते रहता है।
आजकल सोशल मीडिया पर #AskXYZ जैसा टैग चलाकर सेलेब्रिटीज़ और उनके प्रशंसकों के बीच संवाद करते रहते हैं। ताकि उनका फैन-बेस बढ़ सके और उसे समाज मे एक बड़े वर्ग का समर्थन प्राप्त होता रहे।
कुल मिलाकर सेलेब्रिटीज़ हों या आम प्रशंसक- दोनों की सिरे पर झूठे प्रभाव, झूठे रिश्ते और झूठे संबंधों को बढ़ावा दिया जाता है। यही पर एक प्रशंसक यह भूल जाता है कि उसकी अपने चहेते स्टार के साथ तस्वीर लेने की लालसा और उसके चहेते स्टार की निजता के बीच एक महीन लकीर है जिसे पार नहीं करना चाहिए।
आलिया, सोनू निगम या पृथ्वी के साथ जो हुआ वह उनके प्रशंसकों द्वारा इसी लक्ष्मण रेखा को लांघने की ओछी हरकत है जिसमें एक सामान्य युवा पीढ़ी अपनी निजी झूठी आत्म-संतुष्टि और एक सोशल मीडिया पर पहचान बनाने की चाह में उनके निजता (Privacy) का हनन कर गया है।
यह सरासर गलत है- न सिर्फ उन व्यक्तियों के लिए जो इन घटनाओं में शामिल हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए भी।