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    अशरफ गनी

    अफगानिस्तान में रविवार को गजनी प्रान्त में कार में बम धमाके तालिबान ने किये थे और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि “दोहा में जारी आंतरिक अफगान शिखर सम्मेलन से तालिबान समूह को कोई फायदा नहीं होगा जहां जंग से जूझ रहे देश के लिए शांति की कामना की जा रही है।”

    तालिबान के घातक हमले

    राष्ट्रपति ने कहा कि “तालिबान को समझना चाहिए कि नागरिको विशेषकर बच्चों को निशाना बनाकर, क़तर में आयोजित शान्ति वार्ता में अत्यधिक विशेषाधिकार हासिल करना संभव नहीं है।” गजनी में हमले से 12 लोगो की मौत हो गयी थी और 150 से अधिक बुरी तरह जख्मी हैं।

    अफगानिस्तान में अमेरिकी विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद और अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन ने इस हमले को “अव्यवस्थित और भयावह” करार दिया था। गनी ने कहा कि “तालिबान ने दिखाया है कि उनके शब्द और कृत्य एकसमान नहीं है।”

    बयान में उन्होंने कहा कि “तालिबान क़तर में अफगानों के साथ बातचीत को अंजाम दे रहा है जबकि उसके हाथ रोजाना अफगानी मासूम लोगो के खून से सने होते हैं।” कार में आतंकी हमले की जिम्मेदारी बाद में तालिबान ने ली थी। उनका निशाना गजनी में पीडी 3 शहर में सैन्य ठिकाना था।

    नागरिकों में जहन में खौफ

    इस हमले से शहर के निवासियों के जहन में भय और अत्याचार का खौफ बैठ गया है। बीते कई महीनो से तालिबान के हिंसक हमलो के कारण यह के नागरिक सहमे हुए हैं। क़तर और जर्मनी द्वारा प्रायोजक दो दिवसीय सम्मेलन से पूर्व इस घटना को अंजाम दिया गया था।

    इस आयोजन में 50 उच्च स्तरीय अफगान नागरिकों के प्रतिनिधि समूहों के शामिल होने की उम्मीद है। पाकिस्तान में पूर्व अफगान राजदूत ओमर ज़खिलवल ने कहा कि “इस बैठक का मकसद शान्ति के लिए आंतरिक अफगान वार्ता पर जोर देना है।

    तालिबान ने निरंतर पश्चिमी समर्थित अफगानी सरकार से बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराया है। वह इस सम्मेलन में शामिल होने पर शर्तो पर रजामंद हुआ है कि इसमें शरीक व्यक्तियो की अपनी निजी काबिलियत होनी चाहिए।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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