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    हांगकांग में प्रदर्शन

    हांगकांग के सबसे मशहूर पर्यटन क्षेत्रों में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने छह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। हजारो प्रदर्शनकारी मौजूदा राजनीतिक संकट के बाबत मुख्यभूमि चीनी पर्यटकों के बीच जागरूकता बढाने के लिए एकत्रित हुए थे।

    हांगकांग में प्रदर्शन

    प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि “230000 लोगो ने कोवलून की गलियों से मार्च किया था, हांगकांग के केन्द्रीय कारोबारी जिले से बंदरगाह के इलाके में मार्च किया था और यह विवादस्पद प्रत्यर्पण विधेयक को पूरी तरह रद्द करने के लिए किया गया था।”

    पुलिस की तैनाती 56000 रखी गयी थी। चीनी नियंत्रक दशकों में हांगकांग के सबसे बड़े और हिंसक प्रदर्शन की खबरों को रोकने या मिटाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं, इसमें भय है कि इस प्रदर्शन मुख्यभूमि को भी प्रभावित कर सकता है।

    हांगकांग के नेता कैर्री लाम ने बीते महीने हिंसक प्रदर्शन के बाद इस प्रत्यर्पण बिल को निलंबित कर दिया था। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबर गोलिया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे लेकिन लाम ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। इस बिल पर प्रदर्शन अब लाम के इस्तीफे की मांग कर रहा है।

    विवादित प्रत्यर्पण बिल

    हांगकांग का शासन “एक देश, द्वि प्रणाली” के फार्मूला पर आधारित है। ब्रिटेन ने साल 1997 में हांगकांग को चीन के सुपुर्द कर दिया था। मुख्यभूमि चीन में अधिकारों को नहीं दिया गया है, मसलन वहां प्रदर्शन करने का अधिकारी नहीं है और न ही एक स्वतंत्र न्यायिक तंत्र है।

    आलोचकों के मुताबिक, प्रत्यर्पण बिल हांगकांग के कानून और उसकी एशियाई फाइनेंसियल हब की अंतरराष्ट्रीय छवि को खतरे में डाल सकता है। रविवार को संघर्ष की शुरुआत हुई जब पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने की कोशिश की क्योंकि विशाल स्तर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन से सड़के जाम हो गयी थी।

    हांगकांग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच ब्रिटिश शासन से चीनी शासन को सौंपे जाने की 22वीं वर्षगांठ पर सोमवार को झड़पें हुईं।

    बीजिंग ने दखलंदाज़ी से इंकार किया है लेकिन हालिया बिल चीनी नियंत्रण की पुष्टि करता है। कई लोगो को भय है कि अदालतों को भी कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण में रखा जायेगा जहां मानवीय अधिकारों की कोई गारंटी नहीं होगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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