जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात निधन हो गया है। 75 वर्षीय शरद यादव लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। गुरुवार रात सांस लेने में दिक्कत हुई तो परिवार के सदस्यों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बेटी सुभाषिनी यादव ने शरद यादव के निधन की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से दी। सुभाषिनी ने लिखा, ‘पापा नहीं रहे।’
पापा नहीं रहे 😭
— Subhashini Sharad Yadav (@Subhashini_12b) January 12, 2023
शरद यादव राजनीति में जाने माने नेता और सक्रिय नेता थे। उन्होंने बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान बनाई। वह देश के बड़े समाजवादी नेता थे। वह देश के पहले ऐसे नेता बने, जिन्हें तीन अलग-अलग राज्यों से सांसद चुने जाने का मौका मिला। शरद यादव के निधन से देश में शोक की लहर है। देश के जाने माने दिग्गजों ने उनके निधन पर दुःख जताया है।
शरद यादव की पढ़ाई के समय से ही राजनीति में रुचि थी और तभी उन्होंने राजनीति में आने का मन बना लिया था। उन्होंने 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वे डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रभावित थे। यही वजह है कि शरद यादव सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों से जुड़े रहे। बता दें कि शरद यादव को 1969-70, 1972 और 1975 में मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था। शरद यादव ने 1974 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया।
वे देश के पहले ऐसे सांसद थे जो तीन राज्यों में सांसद के पद पर रहे। शरद यादव 1974 और 1977 में दो बार जीतकर अपने गृह क्षेत्र जबलपुर लोकसभा से सांसद बने। शरद यादव 1989 में तीसरी बार उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से जीते। वे बीपी सिंह की सरकार में मंत्री भी बने। हालांकि बंडायु से जीतने के बाद शरद यादव का संसदीय क्षेत्र बिहार का मधेपुरा ही रहा, जहां से वे चार बार सांसद रहे। वैसे वह मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। लेकिन शरद यादव ने बिहार में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।