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    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की जेल में सेहत बिगड़ती जा रही है। उनके डॉक्टर ने कहा कि उन्हें हृदय संबंधी गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है। उनके डॉक्टरों ने कहा कि नवाज़ शरीफ को तुरंत इलाज की जरुरत है। पूर्व प्रधानमंत्री लाहौर के लखपत जेल में भ्रष्टाचार मामले में सात साल के कारावास की सजा काट रहे हैं। मंगलवार को नवाज़ शरीफ की हृदय संबंधी तकलीफ बढ़ने के बाद उन्हें पंजाब इंस्टीटूट जोफ कार्डियोलॉजी में ले जाया गया था।

    नवाज़ शरीफ के डॉक्टर अदनान खान ने कहा कि उनकी हालत काफी खराब है और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का जेल में मुनासिब इलाज मुमकिन नही है क्योंकि उन्हें हृदय संबंधित गंभीर बीमारी है। उन्होंने कहा कि उचित इलाज के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए ।

    उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी एक चिकित्सा बोर्ड ने नवाज़ शरीफ को अस्पताल में भर्ती करने का सुझाव दिया था लेकिन सरकार ने इस पर गौर नही किया और उनकी तबियत बिगड़ गयी। मीडिया की खबरों के मुताबिक नवाज़ शरीफ को स्ट्रैस थैलियम टेस्ट में  पोस्ट  स्ट्रेस एलवी पंप 56 फ़ीसदी आया है, जो लगभग सामान्य है। इन जांच से जानकारी मिलती है कि किसी व्यक्ति के शरीर मे रक्त का बहाव किआ गति से हो रहा है।

    नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर से सम्बंधित रिश्वतखोरी के आरोप में सात वर्ष की कारावास की सज़ा सुनाई थी। 69 वर्षीय नवाज़ शरीफ को अल अजीजिया स्टील मिल रिश्वतखोरी केस में सात साल की कैद की सजा मिली थी।

    नवाज़ शरीफ के खिलाफ अल अजीजिया मामले से सम्बंधित कई सबूत है। उन्होंने कहा कि वह इस केस में पैसों की जानकारी पेश करने में असमर्थ रहे हैं। एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।

    जुलाई, 2018 में नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री मरयम और दामाद कैप्टेन मुहम्मद सफ़दर को क्रमशः बारह, आठ और एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई थी। अलबत्ता तीनो को सितम्बर 2017 में इस्लामाबाद उच्च न्यायलय ने जमानत दे दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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