मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड व जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद जब से नजरबंदी से रिहा हुआ है उसने भारत व अमेरिका के साथ ही खुद पाकिस्तान को भी परेशानी में डाला हुआ है। रिहा होने के बाद आतंकी हाफिज सईद ने पाकिस्तान के अगले साल होने वाले आम चुनावों में शामिल होने का ऐलान किया था।
हाफिज सईद ने इसके लिए मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को राजनीतिक दल में पंजीकृत किए जाने का आवेदन पाकिस्तान चुनाव आयोग में लगाया था। जिसे पाकिस्तान सरकार के दबाव में चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था।
इसके बाद में एमएमएल ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पाकिस्तान चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती दी। जहां पर पाकिस्तान गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वो एमएमएल की याचिका पर विचार न करे।
उच्च न्यायालय ने एमएमएल की मांग नहीं की है अब तक स्वीकार
पाक गृह मंत्रालय ने कहा कि इससे देश में अशांति पैदा हो सकती है। हालांकि पाक सरकार के लिए अभी राहत की बात है कि पाक उच्च न्यायालय ने मिल्ली मुस्लिम लीग को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं दी है।
गौरतलब है कि पाक सुरक्षा एजेंसियों ने कहा था कि एमएमएल जैसे समूहों का पंजीकरण राजनीतिक दल के रूप में नहीं होना चाहिए। इनके पंजीकरण होने से देश की राजनीति में हिंसा और उग्रवाद पैदा हो जाएगा, ऐसे समूहों से परहेज किया जाना चाहिए।
पाक गृह मंत्रालय ने कहा कि मिल्ली मुस्लिम लीग हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा व फलाह-इ-इंसानियत फाउंडेशन की ही शाखा है। ये तीनों संगठन संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का सामना कर रहे है। मंत्रालय ने कहा कि ये मुश्किल है कि राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण होने के बाद एमएमएल इन प्रतिबंधित संगठनों से अलग होकर काम करेगा।
पाकिस्तान सरकार के विरोध के बाद लाहौर में खोला पार्टी कार्यालय
पाकिस्तान सरकार के तमाम विरोधों के बावजूद हाफिज सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग का राजनीतिक कार्यालय का उद्घाटन पाकिस्तान के लाहौर में किया। इससे ये बात साफ हो गई है कि हाफिज सईद अगले साल चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
हाफिज सईद को पूरा भरोसा है कि मिल्ली मुस्लिम लीग का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण जल्द ही हो जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि एमएमएल कार्यालय का उद्घाटन नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एनए -120 लाहौर जिले से हुआ है। ये क्षेत्र नवाज शरीफ का ही है। ऐसे में अंदेशा है कि हाफिज सईद व नवाज शरीफ के बीच में कड़ा मुकाबला हो सकता है।