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    नरेन्द्र मोदी ब्रिटेन

    प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आज इंग्लैंड के दौरे पर हैं।

    नरेंद्र मोदी बेल्जियम से ही ब्रिटेन दौरे पर गए हैं। ब्रेक्ज़िट के बाद से यानी ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से निकलने के फैसले के बाद से भारतीय प्रधानमन्त्री का यह पहला ब्रिटेन दौरा है।

    इससे कुछ समय पहले ही ब्रितानी प्रधानमन्त्री थेरेसा मे भारत दौरे पर आई थीं।

    प्रधानमन्त्री राष्ट्रमण्डल देशों की सरकारों के प्रमुखों की बैठक में भाग लेने लन्दन पहुंचे हैं।

    स्वीडन की तरह यहां भी उनका कार्यक्रम काफी व्यस्त है। ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा राष्ट्रमण्डल समूह के अन्य देशों के साथ बहुपक्षीय वार्ताएं भी सम्भव हैं।

    वार्ताएं

    आज सुबह उन्होंने अपनी ब्रितानी समकक्ष थेरेसा मे से मुलाकात की। मुलाकात में दोंनो प्रधानमंत्रियों के बीच आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, वीज़ा सम्बन्धी मुद्दे व गैरकानूनी प्रवासियों के परत्यर्पण सम्बन्धी मुद्दों पर वार्ता हुई।

    ब्रेक्ज़िट के बाद भारत व ब्रिटेन के नए स्थापित होते व्यापारिक संबन्धों पर भी चर्चा हुई।

    मोदी ब्रिटेन

    ब्रेक्ज़िट के बाद से भारत व ब्रिटेन के बीच नई व्यापरिक सन्धियां स्थापित हुई हैं। ब्रिटेन भी भारत समेत चीन, रूस, साउदी अरब, जापान आदि गैर यूरोपियन युनियन देशों के साथ व्यापार में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है।

    भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर के सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि ब्रेक्ज़िट से भारत व ब्रिटेन के संबंधों पर कोई असर नहीं हुआ है व आगे भी दोनो देशों के संबन्ध और प्रगाढ़ होंगे।

    ब्रिटेन के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने कहा कि भारत व ब्रिटेन का एक साझा इतिहास है। ऐसे में यह इन दोनो देशों के बीच पुल का काम करता है। जिससे हमारे रिश्ते मजबूत ही होते जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समभाव के इस दौर में भारत व ब्रिटेन के अच्छे सम्बंधों से दोनों देशों को बहुत फायदा होगा।

    अन्य कार्यक्रम

    प्रधानमन्त्री मोदी के ब्रिटेन में कई अन्य कार्यक्रम भी हैं।

    थेरेसा मे से मुलाकात के बाद उन्होंने यू.के. की महारानी एलिज़ाबेथ से भी बकिंघम पैलेस में मुलाकात की।  

    नरेंद्र मोदी ने वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद शोध केंद्र का भी दौरा किया।

    दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-यूके सी.ई.ओ. समिट में भी भाग लिया। यहां भारत व यूके की प्रमुख कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी मौजूद थे।

    प्रधानमन्त्री मोदी भारतीय मूल के लोगों के लिए आयोजित कार्यक्रम “भारत की बात, सब के साथ” में भी शिरकत करेंगें

    कर्नाटक का चुनावी दांव

    ब्रिटेन दौरे पर भी नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी दांव खेला। उन्होंमे आज लन्दन में थेम्स नदी के किनारे स्थापित सन्त बसवेश्वर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किये। सन्त बसवेश्वर लिंगायत समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सन्त बसवेश्वर बारहवीं सदी में जन्मे थे व लिंगायत समुदाय के पुरोधा होने के साथ समाज सुधारक, कवि व दार्शनिक भी थे। लिंगायत समुदाय की शुरुआत उनसे ही मानी जाती है।

    लन्दन जाकर उनका सम्मान करना  लिंगायत समुदाय के लोगों पर एक बड़ा असर छोड़ सकता है जो की कर्नाटक चुनाव में प्रमुख दांव साबित हो सकता है।

    गौरतलब है कि थेम्स नदी के किनारे स्थित सन्त बसवेश्वर की इस मूर्ति का पदार्पण भी नरेंद्र मोदी ने ही अपनज 2015 की ब्रिटेन यात्रा में किया था।

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