Sat. Apr 20th, 2024
    दिल्ली मुंबई रोड

    केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक अहम यातायात परियोजना की घोषणा की है।

    दिल्लीमुम्बई को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे एक लाख करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा। वर्तमान में दिल्ली को मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग-8 जोड़ता है।

    नितिन गडकरी ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत मौजूदा राजमार्गों का विस्तार नहीं किया जायेगा बल्कि नए हाइवे बनाये जाएंगे जो पूरी तरह ग्रीनफील्ड होंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में भूमि अधिग्रहण की लागत कम करने की कोशिश होगी।

    इसके लिए एक्सप्रेसवे को उन इलाकों से गुजारा जायेगा जो पिछड़े हैं व जहां जमीन की कीमतें कम हैं। ऐसे में एक्सप्रेसवे पहुंचने से उन इलाकों का विकास भी होगा।

    अभी इस परियोजना के रूट की घोषणा नहीं की गयी है पर यह तय है कि यह एक्सप्रेसवे हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरातमहाराष्ट्र से गुजरेगा।

    सरकार की योजना इन राज्यों तक सुगम यातायात सुविधा पहुंचाने की है ऐसे में इन क्षेत्रों का प्राकृतिक विकास होगा व यहां के लघु औद्योगों का भी विकास होगा।

    यह नई परियोजना अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी योजना “स्वर्णिम चतुर्भुज” को पूरा करने की तरफ भी एक कदम है। इस परियोजना के तहत दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई व कोलकाता को सड़क मार्ग के तहत जोड़ा जाना है।

    नितिन गडकरी द्वारा प्रस्तावित परियोजना गुरुग्राम क राष्ट्रीय राजमार्ग-8 से शुरु होगी और मेवात, कोटा, जोधपुर, वडोदरा से होते हुए मुम्बई पहुंचेगी। 

    इस परियोजना के लिए प्रस्तावित राशि करीब एक लाख करोड़ भारतीय रुपये है।

    बड़ा परिदृश्य

    यह परियोजना भारत की अतिमहत्वपूर्ण परियोजना दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरीडोर का भाग है। इसले तहत दिल्ली से मुम्बई तक औद्योगिक केंद्रों के कई समूह विकसित किये जाएंगे। तथा यहां निर्मित वस्तुओं को इस गलियारे के माध्यम से मुम्बई व गुजरात पहुंचाया जायेगा जहां से इन्हें समुद्र के माध्यम से विदेशों में निर्यात किया जायेगा।

    यह बड़ा प्रोजेक्ट जापान की सहायता से चल रहा है। इसका प्रस्ताव भी जापान की तरफ से भारत में तत्कालीन राजदूत ने 2008 में दिया था।

    परिमाण

    इस परियोजना की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर में लगने वाली लागत पाकिस्तान के बहुचर्चित चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर की लागत से दुगुनी से भी ज्यादा है।

    दिल्ली व मुम्बई के बीच बनने वाले इस गलियारे में 4 हज़ार मेगावाट बिजली उतपन्न होगी तथा 30 से 50 लाख तक दृश्य नौकरियां उतपन्न होंगीं। करीब 200 वर्ग किलोमीटर का इलाका खास उद्योगों के लिए विकसित किया जायेगा।

    नितिन गडकरी के द्वारा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे इस गलियारे के लिए माल ढुलाई का काम करेगा। परिवहन मंत्री के अनुसार यह प्रोजेक्ट 3 सालों में पूरा हो जायेगा। अंदाजा है की दिल्ली मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर भी 2019 के अंत तक पूरा हो जायेगा।

    आधारिक संरचना का विकास हर देश के लिए विकास के इंजिन की तरह काम करता है। इन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा होने पर देश एक नई रफ़्तार पकड़ेगा।

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