2014 के लोकसभा चुनावों में बहुमत से सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार केंद्र में अपने कार्यकाल के 3 वर्ष पूरे कर चुकी है। इन 3 वर्षों के दौरान मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं वहीं सालों से चले आ रहे कई विवादों का निपटारा भी हुआ है। देश की जनता ने जिस भरोसे के साथ नरेंद्र मोदी के हाथों में सत्ता सौंपी थी प्रधानमंत्री उस भरोसे पर खरा उतरने में काफी हद तक सफल रहे हैं। देश के लोगों को नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीदें थी और उन्हें यकीन था कि वह देश के मौजूदा हालातों में अभूतपूर्व बदलाव लायेंगे। बदलाव वक्त की मांग होती है और हर बदलाव में निश्चित वक्त लगता है। मोदी सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने और मौजूदा हालातों को सुधारने के लिए पूर्णतया प्रयासरत नजर आ रही है।
2014 के लोकसभा चुनावों को भाजपा ने दूसरी आजादी आंदोलन की तरह प्रचारित किया था। अपने दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार “घोटालों की सरकार” रही थी और पूरे देश में असंतोष की लहर व्याप्त थी। जब किसी नेतृत्व या सरकार विशेष से जनता आजिज आ चुकी हो तो उसे राह दिखाने के लिए एक प्रतिनिधि की जरुरत होती है। नरेंद्र मोदी ऐसे ही करिश्माई व्यक्तित्व के व्यक्ति थे और उन्होंने देश की जनता को “भ्रष्टाचार मुक्त भारत” का सपना दिखाया। देश की जनता ने भी उनपर भरोसा जताया और चुनावों के वक़्त पूरा देश एक सुर में बोल उठा “अबकी बार, मोदी सरकार”। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कांग्रेसी भ्रष्टाचार के दलदल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक कमल खिला और भाजपा बहुमत से सत्ता में आई। 3 वर्षों के कार्यकाल के दौरान रही मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां क्रमवार वर्णित हैं।
“भ्रष्टाचार मुक्त” सरकार
2014 के लोकसभा चुनावों के वक़्त देश में सबसे बड़ा मुद्दा था “भ्रष्टाचार”। अपने दूसरे कार्यकाल में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार घोटालों की सरकार रही थी। 2009-14 के दौरान कांग्रेस सरकार के समय देश में घोटालों की बाढ़ सी आ गई थी। हर मुमकिन क्षेत्रों में घोटाले हुए थे और जनता इससे त्रस्त हो चुकी थी। मोदी सरकार इस मोर्चे पर अब तक बेहद सफल रही है और उसके कार्यकाल में कोई घोटाला नहीं हुआ है। मोदी सरकार के किसी भी मंत्री का नाम भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलों में नहीं उछला है और जनता का मन्त्रिमण्डल में विश्वास बढ़ा है। मंत्रालयों का जनता से सीधा संवाद हो रहा है। सुरेश प्रभु और सुषमा स्वराज सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं और जनता से सीधे जुड़ने के उनके प्रयास सराहनीय है।
मजबूत हुए अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अब तक तकरीबन 65 देशों की यात्रा कर चुके हैं। उनकी विदेश यात्राओं को लेकर अक्सर विपक्ष हमलावर रहता है और आलोचक उनपर तंज कसते हैं। लेकिन अब देश को प्रत्यक्ष तौर पर उनकी विदेश यात्राओं के फायदे देखने को मिल रहे हैं। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत के अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में सुधार आया है और आज आधा विश्व भारत के साथ खड़ा है। चीन के अतिरिक्त सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश भारत को स्थायी सदस्य बनाने की बात का समर्थन कर चुके हैं। भारत के अपने प्रमुख पुराने सहयोगियों रूस और अमेरिका के साथ संबंधों में मजबूती तो आई ही है साथ ही पश्चिम के अन्य सशक्त देश भारत के साथ खड़े हो गए हैं।
आज पूरा विश्व समुदाय पकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश मानता है और अमेरिका ने पकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद भी रोक दी है। विश्वमंच पर पकिस्तान अलग-थलग सा पड़ गया है। भारत को इजराइल के रूप में एक विश्वसनीय और मजबूत सैन्य सहयोगी मिल गया है जो तकनीकी रूप से भी दक्ष है। जापान सरकार की मदद से भारत में बुलेट ट्रेन चलने वाली है और इसके लिए जापान बड़ा निवेश कर रहा है। हाल ही में चीन के साथ हुए डोकलाम सीमा विवाद पर जब परिस्थितियां तनावपूर्ण हो गई थी तब पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा था। यह कहना गलत नहीं होगा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने भारत के अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को नए आयाम तक पहुँचाया है।
सुधरती अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरुआत से ही आर्थिक सुधारों को लेकर जागरूक रहे हैं। गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया था जिसकी वजह से गुजरात देश का सबसे समृद्ध राज्य बना था। कई विदेशी कंपनियों ने भी गुजरात में निवेश किया था जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था सुधरी थी और रोजगार के अवसर पैदा हुए थे। नरेंद्र मोदी की उद्योगपति वर्ग में अच्छी पहचान है और बतौर प्रधानमंत्री उनकी उम्मीदवारी को उद्योगपतियों ने समर्थन भी दिया था। उद्योगपतियों से उनकी नजदीकियों के कारण मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार भी कहा जाता है। नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्राओं के माध्यम से देश में होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रफ़्तार को बढ़ाया है और धीरे-धीरे यह अपने उच्चतम स्तर तक जा पहुँचा है।
देश में रोजगार के अवसरों में और वृद्धि होने के आसार हैं। प्रधानमंत्री द्वारा की गई नोटबंदी के प्रभावी तरीके से लागू ना हो पाने से आम जनता को दिक्कतें हुई थी पर इससे सालों से छुपाकर रखा गया पैसा बाजार में आया। नोटबंदी अर्थव्यवस्था में सुधार का एक बड़ा कदम था और इसके दूरगामी परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं। केंद्र सरकार के प्रयासों से भारत आज विश्व की सबसे खुली व प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है। हालाँकि अर्थव्यवस्था के विकास की दर पिछली सरकार की तुलना में कम हुई है पर निकट भविष्य में यह मजबूत होकर उभरेगी। नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर रुख कर रही है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में रफ़्तार देने में और कारगर सिद्ध होगा।
संवेदनशील मुद्दों पर सरकार के रुख में बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत की छवि बदलने का काम किया है। अभी तक भारत को एक रक्षात्मक रवैया अपनाने वाला शांतिप्रिय देश माना जाता था लेकिन नरेंद्र मोदी ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को लेकर अपने रुख से स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी से दबने वाला नहीं है। भारत ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को साफ़-साफ़ कह दिया है कि वह भारत के आन्तरिक मामलों में दखल देना बंद करे नहीं तो भारत भी बलूचिस्तान में उसके खिलाफ खड़ा हो जाएगा। बलूच नेता ब्रह्मदाग बुग्ती बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में भारत सरकार से सहयोग मांग चुके हैं। वह पिछले दिनों भारत भी आये थे और भारतीय राजनयिकों से मुलाक़ात भी की थी।
नरेंद्र मोदी ने चीन के ऐतराज के बावजूद असम को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ने वाले ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्मित देश के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन किया। इस पुल की मदद से अब भारतीय सेना को अरुणाचल पहुँचाने में आसानी होगी। इस पुल को जरुरत पड़ने पर रनवे की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय वायु सेना को मजबूती देगा। डोकलाम में हुए सीमा विवाद से लेकर लद्दाख की पत्थरबाजी की घटनाओं तक नरेंद्र मोदी ने हर मुद्दे पर कड़ा रवैया अपनाया है और चीन को स्पष्ट चेतावनी दी है। पिछले 70 वर्षों में देश का कोई भी प्रधानमंत्री इजराइल नहीं गया था और नरेंद्र मोदी ने इजराइल यात्रा कर इस चलन को तोड़ दिया है। अब भारत के पास इजराइल के रूप में सैन्य और तकनीकी रूप से दक्ष एक भरोसेमंद मित्र है जो हर घड़ी में हमारे साथ खड़ा रहेगा।
आन्तरिक सुरक्षा में सुधार
मोदी सरकार के 3 वर्षों के कार्यकाल के दौरान देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था में सुधार आया है। देश में आतंकी हमलों में कमी आई है और कई राज्यों से नक्सलवाद का सफाया हो चुका है। हालाँकि पिछले कुछ वक्त में मॉब लॉन्चिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं पर साम्प्रदायिक दंगों की संख्या पिछली सरकारों की तुलना में काफी कम है। पूर्वोत्तर में बढ़ रहे हमलों के बाद भारतीय सेना ने म्यांमार में जाकर उल्फा उग्रवादियों का बसे कैंप तबाह कर दिया था। इसी तरह कश्मीर के उरी सेक्टर में सैन्य कैंप पर हुए आतंकी हमलों के बाद सेना ने एक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों के कैम्पो को तबाह कर दिया था। मोदी सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के बाद आतंकी हमलों में कमी आई है।
जम्मू-कश्मीर से आतंकियों के सफाई के लिए सेना “ऑपरेशन ऑलआउट” चला रही है जिसमें अभी तक तकरीबन 130 आतंकियों को मारा जा चुका है। छत्तीसगढ़ के कुछ इलाके पूरी तरह से नक्सलवाद की चपेट में हैं और सरकार इनसे वार्ता कर इन्हें मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास कर रही है। विपक्ष बार-बार देश में असहिष्णुता के माहौल की बात करता है लेकिन वह पिछली सरकारों के कार्यकाल में हुई घटनाओं को भूल जाता है। मोदी सरकार के 3 वर्षों के कार्यकाल के दौरान देश में शांति व्यवस्था कायम रही है और लोगों का सुरक्षा को लेकर सरकार में विश्वास बढ़ा है।
21वीं सदी के भारत की पहचान : “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और देश को 21वीं सदी का भारत बनाने के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए थे। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए उन्होंने “मेक इन इंडिया” की नींव रखी थी। उन्होंने विश्वभर से सभी प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत आने का न्यौता दिया जिससे देश की अर्थव्यवस्था को रफ़्तार मिल सके और देश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकें। कई देशों की कंपनियों ने भारत में निवेश करने के लिए देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भी 100 फ़ीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रास्ते खोले। इसके तहत विदेशी कंपनियां सरकार से मंजूरी लेकर भारत में छोटे हथियार और गोला बारूद का निर्माण कर सकती हैं।
मोदी सरकार ने देश को आधुनिक बनाने के लिए “डिजिटल इंडिया” कार्यक्रम की शुरुआत की थी। देश के करोड़ों लोगों को अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जोड़ना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था। आज हर जगह इसका असर और फायदे देखे जा सकते हैं फिर चाहे वो कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ता देश हो या ई-गवर्नेंस की तरफ बढ़ती सरकार। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खाते और उनको आधार और पैन कार्ड से लिंक करना डिजिटल इंडिया का ही विस्तृत स्वरुप था। आज देश के नागरिकों के लिए ई-लाकर की सेवाएं उपलब्ध हैं जहाँ वो अपने जरूरी कागजात रख सकते हैं और जरुरत के वक्त कहीं पर भी उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। बैंक अकाउंट से पैन-आधार लिंक होने से आयकर रिटर्न भरने में आसानी होगी और खाताधारक कर चोरी नहीं कर सकेगा। “डिजिटल इंडिया” देश की अर्थव्यवस्था और देश के लोगों को सशक्त बनाने वाला कदम है।
महिला सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम है ट्रिपल तलाक पर रोक
हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में ट्रिपल तलाक पर रोक लगाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया था। उसने केंद्र सरकार से इसपर 6 महीने के भीतर कानून बनाने को कहा था। इस निर्णय से वर्षों से चली आ रही कुप्रथा समाप्त हो गई थी। यह मुस्लिम महिलाओं के हक़ की जीत थी। इस लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर कदम पर मुस्लिम महिलाओं का साथ दिया था और सत्ताधारी भाजपा सरकार ने उनका पक्ष रखने में अहम भूमिका निभाई थी। सही मायनों में इन कुरीतियों का दमन ही महिला सशक्तिकरण है और मोदी सरकार ने इसे कर के दिखाया है। मोदी सरकार ने अब निकाह हलाला पर रोक और यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं।
मोदी कैबिनेट में भी महिलाओं की सहभागिता है और 5 अहम पदों पर महिलाएं काबिज हैं। सुषमा स्वराज आजादी के बाद से देश की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री हैं। निर्मला सीतारमण आजादी के बाद से देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बनी है वहीं मेनका गाँधी महिला और बाल विकास मंत्रालय संभालती है। इसके अतिरिक्त स्मृति ईरानी और हरसिमरत कौर बादल मोदी कैबिनेट में शामिल हैं। मोदी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं का जीवनस्तर सुधारने के लिए उज्ज्वला योजना शुरू की जिसका देशभर की लाखों महिलाओं को लाभ मिला। मोदी सरकार कन्या भ्रूणहत्या रोकने के लिए “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान भी चला रही है। मोदी सरकार महिलाओं के विकास को लेकर तत्पर है और उसकी नीतियों में यह साफ़ झलकता है।
रक्षा सौदों की मंजूरी
स्वीडन के साथ हुए बोफोर्स तोपों के खरीद सौदे के बाद से देश में कोई भी बड़ा रक्षा सौदा नहीं हुआ था। भारतीय वायु सेना लम्बे समय से लड़ाकू विमानों की कमी की समस्या से जूझ रही थी। आखिरकार मोदी सरकार ने फ़्रांसिसी कंपनी के साथ 36 रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद का करार किया है। देश की सीमाओं पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और ऐसे में देश की सुरक्षा को मजबूती देने के लिए ऐसे खरीद की आवश्यकता थी। इसके अतिरिक्त भारत ने इजराइल, रूस, अमेरिका से भी कई रक्षा सौदों पर करार किए हैं और देश को इनका बड़ा फायदा मिलना तय है। मोदी सरकार देश का रक्षा बजट बढाने पर भी विचार कर रही है और जल्द ही वह इसकी घोषणा कर सकती है।
मोदी सरकार स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के उन्नत संस्करणों को विकसित करने पर भी जोर दे रही है और रूस में इसपर प्रयोग जारी हैं। भारत मिसाईल क्षेत्र में आज विश्व का जाना पहचाना नाम है और वह इसे और उन्नत करने पर जोर दे रहा है। भारत एशिया की महाशक्ति है और तेजी से विश्वपटल पर महाशक्ति बनकर उभर रहा है। भविष्य में अपनी धाक जमाने के लिए सुरक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा और मोदी सरकार इसे ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है।
जीएसटी और आयकर में छूट
भारत जैसे विविधता भरे देश में “एक देश, एक कर” के नाम से जीएसटी को लागू करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है। इसे आजाद भारत का सबसे बड़े आर्थिक सुधार कहा जा रहा है। सरकार ने इसे 1 जुलाई, 2017 से पूरे देश में लागू कर दिया है। जीएसटी को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नाम दिया गया है। सरकार ने दावा किया है कि जीएसटी की वजह से सभी वस्तुओं के दाम सस्ते होंगे और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। जीएसटी के प्रत्यक्ष फायदों का असर परिवहन, खाद्य और कपडा उद्योग में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जीएसटी लागू करने से पूर्व सरकार ने न्यूनतम आयकर दर 10 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दी थी जिसका सीधा असर देश के निम्न-मध्यम वर्ग पर हो रहा है और उन्हें आयकर राशि में राहत मिली है।
स्वच्छ भारत अभियान
मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबियों में से एक रहा है “स्वच्छ भारत अभियान”। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर, 2014 को गाँधी जयंती के अवसर पर की थी। उन्होंने देश में गन्दगी को दूर करने और सफाई को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान छेड़ा था। इस अभियान को देश भर से व्यापक सहयोग मिला था और आज देश में सफाई के क्षेत्र में हुए सुधारों में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। इस अभियान के तहत देश गन्दगी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है और अगर पुराने हालातों से तुलना करे तो यह काफी हद तक सफल नजर आ रहा है। इस अभियान को और व्यापक पैमाने पर चलाकर सरकार देश में बेहतर कूड़ा निस्तारण और पॉलीथिन बंदी की ओर आगे बढ़ रही है। पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिहाज से यह सरकार द्वारा उठाया गया प्रमुख कदम है।
स्टार्ट अप इंडिया : युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन
मोदी सरकार “स्टार्ट अप इंडिया” के तहत देश में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार इस योजना के तहत युवा उद्यमियों को 10 लाख रूपये तक की आर्थिक मदद करती है। इस राशि पर आगामी 5 वर्षों तक कोई ब्याज नहीं लगता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं के विचारों को एक नयी उड़ान देना है। इस योजना के माध्यम से देश में रोजगार के नए अवसर भी बढ़ रहे हैं। इस योजना की वजह से देश में उद्योग स्थापित करने की संभावनाएं भी बढ़ी हैं और युवाओं का पलायन भी रुका है। निर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए यह मोदी सरकार की अनूठी पहल है। अभी तक देश में तकरीबन 3300 स्टार्टअप्स को आर्थिक और तकनीकी रूप से सरकार की मदद मिल चुकी है।
हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ा दबदबा
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एशिया की महाशक्ति बनकर उभर रहा है। इस बात को पूरी दुनिया मानती है और भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देखती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तो यहाँ तक कह चुके हैं कि अगर एशिया में कोई देश चीन से टक्कर ले सकता है तो वह भारत है। पश्चिम के सभी देश चीन के बढ़ते दबदबे से परेशान है और ऐसे में एशिया में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए वो भारत का पक्ष ले रहे हैं। भारत का हिन्द महासागर क्षेत्र में दबदबा है और भारतीय नौसेना का इस क्षेत्र पर एकक्षत्र प्रभुत्व है। हालाँकि चीन ने भारत को घेरने के लिए अरब सागर में पकिस्तान के ग्वादर और हिन्द महासागर में श्रीलंका के दक्षिणी तटीय बंदरगाह हम्बनटोटा को विकसित किया है पर उसका यहाँ पूर्ण नियंत्रण नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कूटनीतिक समझ से हम्बनटोटा बंदरगाह पर चीनी कंपनी को बस संचालन अधिकार तक सीमित कर दिया है वहीं पास स्थित हम्बनटोटा एयरपोर्ट संचालन के लिए भारत ने श्रीलंका सरकार को पत्र लिखा है। उम्मीद है भारत को इस एयरपोर्ट के संचालन की कमान मिल भी जाएगी। अरब सागर में ग्वादर के मुकाबले भारत ने ओमान की खाड़ी में ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने का काम शुरू किया है। मोदी सरकार ने दक्षिण एशिया के अपने सभी पड़ोसियों से सम्बन्ध और मजबूत किए हैं और अरब क्षेत्र के सभी इस्लामिक देश भी आज भारत के साथ खड़े हैं। मोदी सरकार की दखलंदाजी के बाद चीन की महत्वाकांक्षी “वन बेल्ट, वन रुट” परियोजना भी ठन्डे बस्ते में जाती दिख रही है।
एक बेहतर कल की आस
इन सभी के अतिरिक्त मोदी सरकार जन कल्याण के और भी कई सारे योजनाएं चला रही है जिसका सीधा फायदा जनता को हो रहा है। इन 3 वर्षों के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार द्वारा उठाये गए सुधार के सभी कदम सराहनीय हैं और इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। मोदी सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसले ऐसे थे जिनसे आम जनता को शुरुआत में दिक्कतें हुई पर यह सारे फैसले एक बेहतर भविष्य के लिए थे। आज सभी दिशाओं में देश की प्रगति को देख कर यह कहा जा सकता है मोदी सरकार अपने कार्यकाल के शुरूआती 3 वर्षों में कारगर रही है और धीरे-धीरे ही सही पर सही दिशा में बढ़ रही है। इस सुधरते हुए आज को देखकर कल एक बेहतर भारत की उम्मीद करना अतिश्योक्ति ना होगी।