भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली आज भारत की गिरती अर्थव्यवस्था पर चर्चा करेंगे।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस तिमाही में भारत का आर्थिक विकास दर पिछले चार सालों में सबसे कम है। अप्रैल-जून 2017 की तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 5.9 पर पहुँच गयी है। पिछली तिमाही में यह 6.2 और उससे पहले यह 7.0 थी।
इस गिरती अर्थव्यवस्था के पीछे कई कारणों को बताया जा रहा है। लेकिन सबसे बड़े दो कारण नोटबंदी और जीएसटी बताये जा रहे हैं।
पिछले साल नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद देश में 86 प्रतिशत कैश को अवैध करार दे दिया था। इसके बाद देश में हलचल मच गयी थी। लाखों लोग बेरोजगार हो गए थे, हज़ारों व्यापार ठप्प हो गए थे। इस दौरान छोटे वर्ग के लोगों को बड़ा प्रभाव पड़ा था।
इसके बाद इस साल जुलाई से जीएसटी को लागु किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक बड़ी मात्रा में कम्पनियाँ इसके लिए तैयार नहीं थी। बहुत सी कंपनियों ने अपने स्टॉक को कम कीमत पर बेच दिया। अभी भी बहुत सी कंपनियां इसको अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था आने वाले समय में और गिर सकती है और देश आर्थिक डिप्रेशन में जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे रोकने के लिए बड़ी मात्रा में कदम उठाने की जरूरत है।
आज नरेंद्र मोदी अरुण जेटली और कई मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे।