एमएस धोनी ने कुछ हद तक भारतीय वनडे टीम में अपनी जगह को लेकर चल रही बहस को अच्छे से निपटा दिया क्योंकि उन्होने मंगलवार को एडिलेड में खेले वनडे में अपनी अहम पारी से टीम को जीत दर्ज करवायी। इस अनुभवी खिलाड़ी ने अपने पुराने अंदाज में मैच को खत्म किया, जहां उन्होने बाएं हाथ के गेंदबाज जेसन बेहरेनडोर्फ की गेंद को पवेलियन के बाहर छक्के के लिए भेजा और उसकी अगली गेंद में सिंगल लेकर टीम को 299 रनो के लक्ष्य तक पहुंचाया।
इससे पहले खेले गए वनडे मैच में 37 वर्षीय इस खिलाड़ी को उसकी धीमी पारी के लिए लोगो से बहुत आलोचनाए सुनने को मिली। जहां धोनी ने 96 गेंदो में 51 रन की पारी खेली थी और भारतीय टीम को 34 रन से हार का सामना करना पड़ा था। आंकड़े बताते हैं कि रांची में जन्मे क्रिकेटर की प्रभावशीलता कम हो गई है क्योंकि वह जनवरी 2018 से 21 मैचो में 27.26 की औसत से केवल 326 रन ही बना पाया है। इस अवधि में, उनकी स्ट्राइक रेट, 67.77 की है जो मिडल ऑर्डर में सबसे खराब है, जिसके लिए उनकी आलोचको के बीच भारी आलोचना हुई।
ऋषभ पंत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अपने प्रदर्शन से बहुत सुर्खिया बटौरी थी और भारतीय वनडे टीम में आने के लिए दरवाजे पर दस्तक दी थी, जिसके बाद धोनी के लिए एक मैच विजेता पारी खेलनी बहुत जरूरी थी, जो उन्होने ऐडिलेड में खेली। हालांकि इस समय भारतीय टीम के चयनकर्ताओ को यह समझने में बहुत मुश्किल हो रही है कि पंत और धोनी में से किसको इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप के लिए टीम में रखा जाए।
भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारूख इंजिनियर ने हाल ही में ऋषभ पंत की प्रशंसा की थी और उनका मानना था कि इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने टीम में अपनी जगह बनने के लिए बहुत अच्छा खेल दिखाया है और उन्हें तीन प्रारूपो में टीम का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, पूर्व मुख्य चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत का मानना है कि धोनी को अपने अनुभव को देखते हुए एक स्वचलित विकल्प होना चाहिए।
श्रीकांत ने टीओआई से कहा, ” अगर में चयनकर्ता कमेटी का अध्यक्ष होता, तो मैं उसे 2019 विश्वकप के लिए सुनिश्चित करता। विश्वकप पूरी तरह से टीम का एक अलग कप है, जहां हमें इनके जैसे अनुभवी क्रिकेटरो की जरूरत होती है। वह कप्तान और टीम के लिए विश्वकप में मार्गदर्शक कारक होगा। मुश्किल परिस्थितियों में उनका महत्व महसूस किया जाएगा। वह पहले की तरह बड़े हिटर नही हो सकते, लेकिन यह एक अलग मुद्दा हैं, लेकिन वह अभी भी ऐसा कुछ करने में समर्थ है।”
59 वर्षीय का मानना है कि टीम में धोनी की उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी क्योंकि वह परिस्थितियो से निपटने के लिए अपने साथ अनुभव का एक पूरा बंडल लेकर आते है। और वह विश्वकप जैसे बड़े टूर्नामेंट का एक अनिवार्य सदस्य हो सकते है। पूर्व सालामी बल्लेबाज का मानना है कि मेगा इवेंट के लिए धोनी और पंत दोनो के लिए टीम में जगह हो सकती है
श्रीकांत ने कहा, ” आपको सिर्फ एक बल्लेबाज और एक विकेटकीपर के महत्व में धोनी को देखना होगा। बहस और उतार-चढ़ाव हमेशा बनेगा। तुम एक मैच में हीरो हो सकते हो तो अगले में जीरो। यह श्रृंखला का हिस्सा और पार्सल है। पंत को टीम में एक बल्लेबाज के रूप में रखा जाना चाहिए। जबकि धोनी टीम के साथ हो। पंत एक अच्छे बल्लेबाज है और विश्वकप की टीम के लिए एक बड़े दावेदार भी है।”