4 नवंबर, शनिवार शाम भारत और न्यूज़ीलैण्ड के मध्य द्विपक्षीय श्रृंखला का दूसरा टी-20 मैच खेला गया, जिसमे न्यूज़ीलैण्ड ने टी-20 श्रृंखला में वापसी करते हुए भारत को 40 रनों के बड़े अंतर से शिकस्त दी। न्यूज़ीलैण्ड की तरफ से कोलिन मुनरो ने शानदार और ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते हुए टी-20 क्रिकेट में अपना दूसरा सैकड़ा जड़ा। भारत की ओर से भी भारतीय कप्तान विराट कोहली(65) व पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(49) ने शानदार प्रदर्शन किया, परन्तु भारत को मैच नहीं जीता सके।
परन्तु अब इस मैच को लेकर सवाल उठने लगे है या साधारण शब्दों में कहा जाए तो भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टी-20 टीम में जगह को लेकर सवाल किए जाने लगे है। दरअसल, पिछले कुछ समय से महेंद्र सिंह धोनी के खेल में बड़ा बदलाव देखने को मिला है, अब वो पहले वाले धोनी नहीं रहे जो कि आते ही छक्के-चौक मारना शुरू कर दें। अब धोनी मैदान पर आने के बाद समय लेते हैं और फिर तीव्र गति से रन बनाना शुरू करते हैं। दूसरे टी-20 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, शुरुआत में धोनी थोड़ा जूझ रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना रंग बिखेरते हुए एक शानदार पारी खेली जिसमें उन्होंने 3 छक्कों और 2 चौकों की मदद से 37 गेंदों में 49 रन बनाए।
लेकिन उनकी इस पारी को लेकर भारतीय दिगज्ज बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि “कोहली का स्ट्राइक रेट उस समय 150 से अधिक था, तो धोनी का सिर्फ 80 का”, उन्होंने कहा कि “एकदिवसीय टीम में तो धोनी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं लेकिन टी-20 में उन्हें युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए। उस समय भारत को 65 गेंदों में 130 रनों की दरकार थी, लेकिन धोनी तेज गति से रन बनाने में नाकाम रहे,और स्ट्राइक भी रोटेट नहीं कर पा रहे थे जिसकी वजह से लगातार डॉट बॉल खेली जा रही थी”।
इन सबके विपरीत भारतीय कप्तान विराट कोहली ने धोनी का बचाव करते हुए कहा “कि बड़े लक्ष्य का पीछा करते समय आपको शुरुरात में एक बड़ी साझेदारी की आवयश्कता होती है, परन्तु अंत में एम .एस धोनी ने शानदार पारी खेली”। अब देखना यह होगा कि क्या धोनी पर उठ रहे इन सवालों को बीसीसीआई अनसुना करेगा या अब वास्तव में समय आ गया है धोनी का विकल्प खोजने का?