विषय-सूचि
धूमकेतु का मतलब (comets meaning in hindi)
धूमकेतु जमे हुए गैस, पत्थर और धूल से बनी हुई कॉस्मिक गेंद हैं, जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा कर रही हैं। जब वे जमे हुए होते हैं, तो उनका आकार एक छोटे से सूर्य जैसा होता है।
धूमकेतु क्या है? (what is comets in hindi)
परिक्रमा करते हुए जब ये सूर्य के निकट आ जाते हैं तो बहुत गर्म हो जाते हैं और गैस एवं धूल का वमन करते हैं जिसके कारण विशालकाय चमकती हुई पिंड का निर्माण हो जाता है जो कभी कभी ग्रहों से भी बड़े आकार के होते हैं। धूमकेतुओं का नामांकरण उनके खोजकर्ताओं या किसी अंतिरक्ष यान के आधार पर किया जाता रहा है।
ये पिंड फिर सूर्य से कई मिलियन सालों के लिए दूर हो जाते हैं। ऐसा अनुमान है कि सूर्य के कुइपर बेल्ट में बिलियन कि संख्या में धूमकेतु विराजमान हैं। नासा के अनुसार अभी तक 3526 धूमकेतु पहचाने जा चुके हैं। धूमकेतु को बर्फ का मिश्रण भी माना जाता है क्योंकि ये जमे हुए गैस और पानी से मिलकर बने हुए रहते हैं। इनके बारे में यह भी कहा जाता है कि ये वे गैस के गोले हैं जो ग्रह नहीं बन पाए।
ये तभी अच्छे से दिखते हैं जब ये सूर्य के पास होते हैं नहीं तो ज्यादातर समय अदृश्य रहते हैं। इनमें से ज्यादातर अपने विलक्षित परिक्रमा स्थिति के लिए जाने जाते हैं जो सिर्फ एक पल के लिए दिख जाते हैं और फिर सहस्राब्दी के लिए गायब हो जाते हैं। कुछेक धूमकेतु जैसे कि हैली ही ऐसे हैं जो प्लूटो के परिक्रमा पथ में कुछ क्षण के लिए विराजमान रहते हैं।
कोई कोई धूमकेतु तब भी दिखते हैं जब पृथ्वी उनके परिक्रमण कक्ष के निकट से गुजरती है। इनमें से कई नियमित समय पर दिखाई देते हैं। जैसे कि परसिड नाम का धूमकेतु हर साल अगस्त 9 से 13 के बीच दिखाई देता है।
धूमकेतु का इतिहास (history of comet in hindi)
दूसरे खगोलीय पिंडों कि खोज थोड़े लेट से हुई किन्तु धूमकेतु एक ऐसा पिंड है जिसके बारे में लोग प्राचीन काल से जानते हैं। चीन में इस बात का रिकॉर्ड उपस्थित है कि 240 BC पहले हैली नाम के धूमकेतु कि उपस्थिति दर्ज कि गई थी। दुबारा सन्न 1066 AD में इंग्लैंड में भी हैली धूमकेतु के बारे में रिकॉर्ड मिला।
सन्न 1999 तक लगभग 890 धूमकेतु सूचीबद्ध किये जा चुके हैं और उनके परिक्रमा पथ को भी पहचाना जा चूका है। इनमे से 184 पीरियाडिक धूमकेतु हैं यानि कि उनको परिक्रमा पूरा करने में 200 से कम वर्ष लगते हैं। बाकियों को कभी कभी परिक्रमा पूरे करने में कई सहस्त्र वर्ष लग जाते हैं।
धूमकेतु के विभिन्न भाग (different parts of comets in hindi)
जब ये सूर्य के पास होते हैं तो इनके विभिन्न भाग दिखते हैं जोकि इस प्रकार हैं:
- नुक्लेओस – यह ठोस अवस्था में होता है एवं स्थिर रहता है और बर्फ, गैस और धूल के मिश्रण से बना होता है।
- हाइड्रोजन के बादल – ये व्यास के अनुसार मिलियन किलोमीटर तक फैले हुए होते हैं किन्तु कम घने होते हैं।
- धूल का समुह – ये लगभग दस मिलियन किलोमीटर तक फैले हुए होते हैं और नुक्लेओस से निकलते हुए गैस के धुंए से बनते हैं।
- कोमा – ये पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरे गैसों के मिश्रण से बने घने बादल के समुह हैं।
- आयन टेल – ये सौर ऊर्जा के संपर्क में आने से निर्मित होते हैं जो प्लाज्मा और किरणों से भरे हुए होते हैं। कई धूमकेतुओं में आयन टेल बहुत मिलियन किलोमीटर तक लम्बे और फैले हुए होते हैं ।
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Kya koi dhoomketu kabhi dharti ke takra sakta h?
hamaari dharti par har saal kitne dhoomketu girte hain? inse kitnaa nuksaan hotaa hai? kya inkaa girnaa predict kiyaa jaa sakta hai?
Ek dhumketu dharti par girne par kitna nuksaan kar sakta hai ? Last bar dhumketu earth par Kos samay gira tha?
dhum ketu kiske karn hota hai
Kya darti pe dumkstu gira too darti nact ho skti hai pura world