बिहार में महागठबंधन के टूटने से आया सियासी भूचाल अभी तक थमा नहीं है। रोज इसमें कोई ना कोई नया अध्याय जुड़ रहा है। नीतीश कुमार के महागठबंधन से किनारा कर भाजपा के साथ जाने और पुनः सरकार बनाने के बाद से ही उनके खिलाफ बयानबाजी शुरू हो गई थी। महागठबंधन में उनके साझीदार रहे राहुल गाँधी और लालू यादव ने नीतीश कुमार को निशाने पर लेकर हमला बोला था वहीं उनके इस फैसले के खिलाफ उनकी ही पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे थे। डेढ़ दशक से नीतीश कुमार के साथी रहे पूर्व जेडीयू अध्यक्ष और दिग्गज पार्टी नेता शरद यादव भी खुलकर नीतीश कुमार के इस फैसले के खिलाफ आ गए। उन्होंने इसे ‘गलत’ करार देते हुए बिहार की जनता के साथ धोखा बताया। उनके विरोध के चलते नीतीश कुमार का बिहार विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव आधार में लटकता दिखाई दे रहा था। काफी मान-मनौव्वल के बाद शरद यादव ने नाराज विधायकों को नीतीश के पक्ष में मतदान करने को कहा और नीतीश अपना बहुमत साबित करने में सफल रहे।
हालांकि इसके बाद भी शरद यादव की नाराजगी बनी रही और उन्होंने अपने तेवरों में कोई नरमी नहीं बरती। उन्होंने नीतीश कुमार और भाजपा पर लगातार हमले जारी रखे। वह लगातार विपक्षी नेताओं के संपर्क में रहे और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने तो उन्हें अपने साथ आने का प्रस्ताव भी दे दिया। नीतीश कुमार ने सार्वजनिक मंचों पर बोलने की बजाय शरद यादव को पार्टी मंच पर अपनी बात रखने को कहा था। अब सुनने में आ रहा है कि नीतीश कुमार शरद यादव के रुख से खफा हैं और जल्द ही उनपर कोई निर्णय लिया जा सकता है। नीतीश कुमार सख्त निर्णयों के लिए जाने जाते है और उम्मीद है कि शरद यादव से राज्यसभा में पार्टी नेता की भूमिका छीनी जा सकती है। इसके अतिरिक्त शरद यादव को पार्टी से निकाले जाने की सम्भावना भी बनती दिख रही है। उन पर अनुशासनहीनताऔर पार्टी व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाकर पार्टी से निकाला जा सकता है।
हालिया संपन्न गुजरात राज्यसभा चुनावों के बाद शरद यादव ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल को जीत की बधाई दी थी। उन्होंने अहमद पटेल को वोट देने पर गुजरात के जेडीयू विधायक छोटुभाई वासवा का पक्ष लिया था और जेडीयू नेता केसी त्यागी को लताड़ा भी था। केसी त्यागी ने कहा था कि छोटुभाई वासवा ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है। शरद यादव 10 से 12 अगस्त तक बिहार में तीन दिवसीय यात्रा अभियान शुरू कर रहे हैं। शरद यादव इस दौरान आगामी तीन दिनों तक बिहार के 7जिलों में जाकर जनता से मिलेंगे। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा है कि नीतीश के समर्थक शरद यादव पर हमला कर सकते है। हम शरद यादव के साथ हैं और शरद यादव की जेडीयू के साथ हमारा गठबंधन चलता रहेगा। शरद यादव ने 17 अगस्त को सामान विचारों वाले नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें विपक्ष के अतिरिक्त दलित और अल्पसंख्यक समाज के बड़े नेताओं के शामिल होने की सम्भावना है। इसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।