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    भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण तबाही का मंजर है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों से थोड़ी राहत है। इसके अनुसार बीते 24 घंटों में कोरोना के 3,66,161 नए मामलों की पहचान हुई वहीं 3,53,818 लोगों ने कोरोना को मात दे दिया और स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए। वहीं इस अवधि में 3,754 संक्रमितों की मौत हो गई। इसके बाद देश में अब तक महामारी के कारण संक्रमितों का कुल आंकड़ा 2,26,62,575 हो गया है और कुल मौतों की संख्या 2,46,116 है।

    4 लाख से कम आये मामले

    पिछले कुछ दिनों हर रोज 4 लाख से ज्यादा नए मामले और 4 हजार के करीब मौतें हो रही हैं। हालांकि सोमवार को हेल्थ मिनिस्ट्री की जानिब से जारी किए गए आंकड़ों में देखा गया है कि मामलों में खासी कमी आई है। पिछले लगातार 4 दिनों हर रोज 4 लाख से ज्यादा नए मरीज आ रहे थे वहीं, 4 हजार लोग इस बीमारी के चलते मर रहे थे।

    टेस्टिंग की बात करें तो इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए अब तक 30,37,50,077 सैंपल की टेस्टिंग की जा चुकी है। रविवार को देश भर में 14,74,606 सैंपल की जांच की गई। पिछले कुछ दिनों के मुकाबले जांच की संख्या काफी कम है।

    बता दें कि पिछले कुछ दिनों के मुकाबिले आज कोरोना के मामलों में कमी आई है। रविवार को हेल्थ मिनिस्ट्री की जानिब से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटों में 4,03,738 नए कोरना के मरीज सामने आए थे वहीं 4,092 मरीजों की मौत हुई थी।

    संक्रमण से बचाव के लिए देश में शुरू किए गए वैक्सीनेशन अभियान के तहत देश में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 17,01,76,603 हो गया है।

    7  मई को पीक आने का था अनुमान

    सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर का कहना था कि कोरोना वायरस इस सप्ताह अपने पीक पर आ सकता है और दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है। इसके बाद कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की जाएगी।

    अलग-अलग राज्यों में स्थिति होगी अलग

    प्रो. विद्यासागर ने एक इंटरव्यू में बताया कि कोरोना वायरस को लेकर हर राज्य में स्थिति अलग होगी और कोविड-19 के पीक पर पहुंचने का समय भी थोड़ा अलग-अलग हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में बढ़ रहे हैं, उसे देखें तो यह इसके पीक पर है या इसके बेहद करीब है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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