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    किसान आंदोलन का मुख्य आरोपी और 1,00,000 रुपए का इनामी दीप सिद्धू हिरासत में लिया जा चुका है। हिरासत में लिए जाने के बाद उसने बहुत से खुलासे किए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार किया है। वह 26 जनवरी के बाद से फरार था और गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा का मुख्य आरोपी था। खबर है कि दीप सिद्धू जल्दी देश छोड़ने की फिराक में था। वह दिल्ली से पूर्णिया जाना चाहता था और वहां से नेपाल भागने की फिराक में था।

    अपने सोशल मीडिया पर वह लगातार एक्टिव था। जो वीडियो उसके सोशल मीडिया पर वह अपलोड कर रहा था, वह उसके खुद के फोन से नहीं बल्कि विदेश में रहने वाली उसकी किसी सहेली के द्वारा अपलोड की जाती थी। ऐसा करके वह सुरक्षा एजेंसियों को भी चकमा दे रहा था। दीप सिद्धू को फिलहाल 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है और यहां उससे इस हिंसा के मास्टरमाइंड का पता लगाया जाएगा।

    वह करनाल के पास से हिरासत में लिया गया है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि दीप सिद्धू आंदोलनकारी नेताओं के संपर्क में था और उसकी बहुत से नेताओं से सांठगांठ भी थी। वह दिल्ली से बिहार की तरफ भाग कर वहां से नेपाल जाने की फिराक में था। साथ ही इस बीच वह हिमाचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर छुप छुप के रह रहा था। हालांकि पुलिस ने उसकी पत्नी समेत उसके करीबी दोस्तों के नंबर को सर्विलांस पर रखा था और उसी के माध्यम से उन्हें पता चला कि वह करनाल के पास हो सकता है।

    उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा था और किसानों को भड़का भी रहा था। खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस के साथ भी उसके रिश्ते थे, जिसके लिए उसे एनआईए ने नोटिस भी जारी किया था। वह लगातार अपने सोशल मीडिया पर एक्टिव बना हुआ था, लेकिन पुलिस के हत्थे नहीं आ पा रहा था। दीप सिद्धू को हिरासत में लिए जाने के बाद अब जल्द ही बाकी के आरोपियों को भी हिरासत में लिया जा सकेगा।

    कहा जा रहा है कि गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद दीप सिद्धू ने डर के चलते अपने मोबाइल फोन को फेंक दिया था और वह अपने दोस्तों के फोन प्रयोग कर रहा था और उन्हीं के माध्यम से वह वीडियो बनाकर अपलोड करवाता था। दीप सिद्घू ने अपनी सफाई में कहा कि उसने किसान नेताओं को आंदोलन को उग्र न करने और कहा था। लेकिन आंदोलनकारियों ने उसकी बातें नहीं मानी और प्रदर्शन को उग्र किया।

    दीप गणतंत्र दिवस की हिंसा में नामजद मुख्य आरोपी है।उसके अलावा और भी बहुत से लोग हैं जिन पर ₹50,000 का इनाम है और वे भी फरार चल रहे हैं। दीप सिद्धू भी काफी मुश्किल से पुलिस के हत्थे चढ़ा है। उसने कुछ किसान नेताओं का नाम लेकर कहा है कि उन्होंने बाकी किसानों को लाल किले पर चढ़ने के लिए उकसाया है। साथ ही उसने और भी बहुत से खुलासे किए हैं। उसने यह भी बताया है कि आंदोलन के लिए फंडिंग विदेशों से भी आ रही है। पुलिस इस बारे में और तहकीकात कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही आंदोलन के पीछे के असली मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सकेगा।

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