Sat. Nov 23rd, 2024
    अरविंद केजरीवाल

    चुनावी मौसम आते ही तमाम राजनैतिक दल लग गए है होने अपने अधूरे काम पुरे करने में। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में भी कुछ यही देखने को मिला।

    अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्त्व में आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा की विकलांग के लिए ख़ास तरीके की बस के बजाय उसे मानक साधरण बसे दे दी जाये ताकि उसमे दिल्ली सरकार द्वारा विकलांगो के लिए ख़ास तरीके से हाइड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाए।

    दिल्ली सरकार की ओर से उपस्थित एक वकील ने कहा कि “सरकार विकलांग लोगो के लिए नई बसों में हाइड्रोलिक लिफ्ट स्थापित करने को तैयार है।”

    बता दे की डीटीसी ( दिल्ली परिवहन निगम) की हालत खस्ताहाल ही चल रही है। इसी को लेकर सरकार ने नई बसों के लिए अर्जी डाली थी एवं डीटीसी के द्वारा भी 1000 बसों की मांग को लेकर अर्ज़ी दी गई थी।

    11 जुलाई को, दिल्ली कैबिनेट ने 1000 कम मंजिल पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक बसों की भागीदारी को मंजूरी दे दी थी।

    इससे सरकार ने दिल्ली के परिवहन क्षेत्र में आधुनिकरण एवं दिल्ली में बढ़ता जानलेवा प्रदुषण को नियंत्रित करने की कोशिश करी है।

    विभाग इन इलेक्ट्रिक बसों – पूर्वी विनोद नगर, बावाना सेक्टर 5, बुरी, रोहिणी सेक्टर 37, रेवल खानपुर और नरेला के लिए छह स्थानों पर बस डिपो का निर्माण करेगा।

    हाल ही में विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार को दिल्ली परिवहन निगम की खस्ता हालत के लिए जम कर कटाक्ष किए है।

    भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता मनोज तिवारी ने कहा कि, “अगले दो वर्षों में डीटीसी की 800 से अधिक बसें सड़कों से हट जाएंगी, क्योंकि उनकी आयु पूरी हो जाएगी। केजरीवाल सरकार के पास इन बसों के स्थान पर नई बसें लाने की कोई योजना नहीं है। सरकार इस समय एक हजार इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की बात कर रही है। ये बसें न सिर्फ महंगी हैं बल्कि दो वर्षों से पहले यह सड़कों पर नहीं आ सकेंगी। ऐसी स्थिति में दिल्लीवासियों को बसों की कमी से होने वाली परेशानी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *