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    प्रदूषण

    भीषण वायु प्रदूषण के जूझ रही राजधानी दिल्ली की हवा की क्वालिटी सोमवार को इस सीजन के सबसे बुरे स्तर पर पहुँच गयी है।

    दिल्ली के वायुमंडल के लिए इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में जलायी जा रही पराली और दिवाली के त्योहार की आतिशबाज़ी से दिल्ली के वायुमंडल का सूरतेहाल बिगड़ गया है।

    सोमवार को दिल्ली की हवा इस सीजन के सबसे बुरे स्तर पर थी। दिल्ली के हवा में प्रदूषण के कण पीएम 2.5 (प्रदूषण के वो कण जिंका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है) व पीएम 10 का स्तर क्रमशः 365 व 503 था।

    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली के वायुमंडल के इन हालात को आपातकालीन घोषित किया है।

    मालूम हो कि पीएम 2.5 के लिए 300 व पीएम 10 ले लिए 430 से अधिक का आँकड़ा प्रदूषण के मामले में ‘आपातकाल’ की श्रेणी में आता है।

    CPCB के आंकड़ों के अनुसार वहीं दिल्ली के आसपास एनसीआर इलाके में नोएडा, गाज़ियाबाद, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर ‘कठोर’ रहा है, जबकि गुरुग्राम में वायु क्वालिटी का स्तर बेहद बुरा रहा है।

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    बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि हवा के बहाव से पंजाब और हरियाणा राज्यों में जलायी जा रही पराली के चलते प्रदूषण के अंश अब दिल्ली के वायुमण्डल में घुलकर इसी और भी बदतर बना रहे हैं।

    सोमवार को दिल्ली का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 434 रिकॉर्ड किया गया था। जबकि रविवार को दिल्ली का AQI 171 था।

    इसी के साथ ही आगे दिवाली के त्योहार में जलाए जाने वाले पटाखों को देखते हुए दिल्ली के वायुमंडल की स्थिति और भी बदतर होने का अनुमान है।

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    विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की वायु क्वालिटी में अभी और भी गिरावट होने के आसार हैं, इसी के साथ दिल्ली में हवा का बहाव तेज़ होने के साथ ही दिल्लीवासियों को थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।

    मालूम हो कि राजधानी में 1 नवंबर से 10 नवंबर तक ‘प्रदूषण आपातकाल’ की घोषणा की गयी है, ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी करने वालों को चिन्हित कर दंडित किया जा रहा है

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