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    प्रदूषण

    रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता में असामान्य सुधार देखने को मिला। यह हवा की गति बदलने के कारण हुआ है। गति बदलने से हवा में मौजूद प्रदूषक फ़ैल गए जिसकी वजह से वायु गुणवत्ता “खराब” केटेगरी में आकर रुक गयी।

    ‘सेंटर रन सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग(सफर)’ के अनुसार, कुल मिलाकर वायु गुणवत्ता सूचकांक, 262 तक रिकॉर्ड किया गया जो “खराब” केटेगरी में आता है।

    सेंट्रल पोलुशन कण्ट्रोल बोर्ड(सीपीसीबी) के डाटा के मुताबिक, दिल्ली में 6 जगहों में “बहुत खराब” वायु गुणवत्ता को रिकॉर्ड किया गया जबकि 21 जगहों को “खराब” वायु गुणवत्ता में रिकॉर्ड किया गया।

    उन्होंने बताया-“पीएम2.5 का स्तर 124 तक रिकॉर्ड किया गया और पीएम-10 का स्तर 250 पे रिकॉर्ड किया गया।”

    सीपीसीबी ने कहा-“गाज़ियाबाद, ग्रेटर नॉएडा और नॉएडा में “खराब” वायु गुणवत्ता रही जबकि फरीदाबाद में “मध्यमवर्गी” वायु गुणवत्ता देखी गयी।”

    वायु गुणवत्ता सूचकांक, 0 और 50 के बीच में हो तो “अच्छा” माना जाता है। 51 और 100 के बीच हो तो “संतोषजनक” माना जाता है, 101 और 200 के बीच हो तो “मध्यमवर्गी” माना जाता है, 201 और 300 के बीच हो तो “खराब”, 301 और 400 के बीच हो तो “बहुत खराब” और 401 और 500 के बीच हो तो “गंभीर”।

    सफर के मुताबिक, वायु गुणवत्ता में साल के इस वक़्त के हिसाब से असामान्य सुधार देखने को मिला है।

    “अहम भूमिका तो हवा की गति ने निभाई है जिसने रातो ही रात बदलकर ये सुधार लाई है। वर्ना ये हमेशा शांत ही रहती है। हालांकि अगले तीन दिनों के लिए, वायु गुणवत्ता ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ के बीच ही घूमती नज़र आएगी।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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