दिल्ली मैट्रो को 28 दिसम्बर को एक बिल्कुल नई तकनीक से लैस मैट्रो रेल मिलने वाली है। दिल्ली एनसीआर में जल्द ही चालक रहित मैट्रो दौड़ने वाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 दिसम्बर को चालक रहित मैट्रो को हरी झंडी दिखायेंगे। ये मैट्रो पूरी तरह स्वचालित होगी लेकिन शुरुआत में हर रेल में एक सहायक मौजूद रहेगा। ये सेवा मेजेन्टा लाइन पर शुरू होने जा रही है। माना जा रहा है कि चालक रहित मैट्रो DMRC के लिये अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। ये मैट्रो पूरी तरह कम्प्यूटर की कमांड से चलेगी। कन्ट्रोल रूम में बैठे व्यक्ति इसे चलायेंगे और ये पूरी तरह नई तकनीकी से लैस होगी।
इस मैट्रो लाइन की लम्बाई 37 किलोमीटर है। इसके बीच. 25 स्टेशन हैं। ये मैट्रो जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटैनिकल गार्डन तक के बीच चलेगी। इस सेवा का ट्रा़यल तो काफी पहले ही हो गया था लेकिन पूर्ण रूप से ये सेवा अब शुरू होने जा रही है। भारत में ये तकनीक नई है इसलिए इसके लांच में ज्यादा समय लगा। 25 दिसम्बर को मैट्रो परिचालन सेवा को भारत में 18 साल पूरे होने वाले हैं। मौजूदा वक्त में हर मैट्रो में चालक मौजूद होते हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मैट्रो के साथ ही NCMC यानी राष्ट्रीय सामान्य गतिशीलता कार्ड भी जारी करेंगे। इस कार्ड के माध्यम से आने वाले समय में देश के सभी हिस्सों में यात्रा के लिये किराया भुगतान किया जा सकता है। इस कार्ड के माध्यम से मैट्रो, टोल टैक्स, एअरपोर्ट आदि के शुल्क आदि भी भर सकते हैं।
नई तकनीकी की मैट्रो से यात्रियों का समय बचेगा। साथ ही मैट्रो में उपलब्ध सहायक हर यात्री की सहायता के लिये मौजूद रहेंगे। परिचालन शुरु होने पर यात्री त्वरित सेवाएं पा सकेंगे। वहीं दिल्ली से नोएडा की दूरी भी कम होगी। साथ ही अगले साल तक पिंक लाइन मैट्रो को भी स्वचालित करने की योजना है। पिंक लाइन 58 किलोमीटर लम्बी है और ये शिव विहार से मजलिस पार्क के बीच दौड़ती है।