दिल्ली मेट्रो को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में तनातनी बढ़ गयी है। कुछ समय पहले जब दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी की गयी थी उस वक़्त से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच मेट्रो को लेकर तनाव बढ़ गया था। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने केंद्र सरकार को चिठ्ठी लिखते हुए कहा है कि अगर केंद्र चाहे तो दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने को तैयार है।
दिल्ली मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी को लेकर केजरीवाल ने पहले ही बयान दिया है कि मेट्रो का किराया आम आदमी के जेब पर असर डालेगा। जहा मेट्रो का किराया 10 से 15 रूपये बढ़ा दिया गया था तो अरविन्द ने डीएमआरसी को दिल्ली सरकार के अंदर चलने की बात कही थी।
शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी ने मेट्रो की भरपाई के लिए 3000 करोड़ की मांग की थी, जिसके जवाब में अरविन्द केजरीवाल ने चिठ्ठी लिखते हुए कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) में केंद्र और दिल्ली दोनों की भागीदारी है, हम नुक़सान की आधी रकम देने को तैयार है बाकी की आधी रकम केंद्र सरकार दे।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि जैसे कोलकाता मेट्रो के नुक़सान की भरपाई केंद्र जैसे खुद कर रही है उसी प्रकार दिल्ली मेट्रो के लिए आधा भार केंद्र को उठाने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार हमे डीएमआरसी को सौंपने में को तैयार हो जाए तो हम दिल्ली मेट्रो के किराये में इजाफा करने की बजाय हम मेट्रो की गुणवत्ता का सुधार कर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को फण्ड कर पाएंगे। और दिल्ली की जनता को सस्ता और सुन्दर परिवहन उपलब्ध करवा पाएंगे।
केजरीवाल ने आगे कहा कि जब तक यह नहीं होता तब तक सहयोग की भावना बरक़रार रखे और आगे किराये की बढ़ोतरी में गतिरोध ला पाएंगे, और इस समस्या का समाधान निकाल पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली मेट्रो के किराये में 10 अक्टूबर को बढ़ोतरी होने का प्रस्ताव पारित है, दिल्ली मेट्रो में पिछले 6 महीने में यह दूसरी बार बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते मुख्यमंत्री केजरीवाल ने खत लिखकर दिल्ली की जनता के साथ हो रहे इस बढ़ोतरी को अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए इस बढ़ोतरी को रोकने की मांग की थी।