भारत के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली के रिंग रेल नेटवर्क और मेट्रो नेटवर्क को जोडने की मेगा योजना बनाई है। दिल्ली की 43 साल पुरानी रिंग रेल प्रणाली को पुनर्जीवित करने और एकीकृत करने के लिए योजना बनाई जाएगी।
इसके लिए रेल लिंक व दिल्ली मेट्रो को आपस मे जोड़ा जाएगा। मेगा परियोजना पर काम करने लिए अधिकारियों को आदेश दिया गया है।
रेलवे में फेरी यात्रियों के लिए पटरियों पर लोड को कम करने और माल गाडियों के लिए अलग बायपास बनाने की योजना पर विचार हो रहा है।
पीयूष गोयल ने कहा कि दिल्ली देश के केन्द्र मे स्थित होने की वजह से चार रेलवे दिल्ली के माध्यम से आते है। जो रेल दिल्ली स्टेशन पर नहीं आएगी उसे बायपास किया जाएगा। बायपास के निर्माण से 50 प्रतिशत कारे सडकों पर कम हो जाएगी।
दिल्ली में 35 किलोमीटर का रिंग रेल नेटवर्क है। जो कई स्थानों पर 231 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क को पार करती है। मंत्री ने कहा कि नियोजन की कमी के कारण मेट्रो रेल और दिल्ली रेल व्यवस्था के बीच का संबंध स्थापित नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा कि मैंने इसके लिए पहले ही अधिकारियों को रिंग रेलवे के चारो और स्थित दिल्ली के लिए अध्ययन करने के लिए तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली उपनगरीय नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए दिल्ली संसद के सात सदस्यो ने हाल ही में रेल मंत्री से मुलाकात की थी। इसके लिए उपनगरीय रेलवे में एसी डिब्बों का निर्माण करने के लिए रेल मंत्री को अनुरोध किया गया था।
अध्ययन से पता चल जाएगा कि मेट्रो और रिंग रेल सिस्टम को एक-दूसरे के साथ जुड़ने के लिए नई लाइन या लिंक बनाने की जरूरत है या नहीं।
इस परियोजना के लिए मंत्री ने अनुमानित लागत का ब्यौरा नहीं दिया है। रिंग रेलवे के पुनरुद्धार के साथ रेलवे और स्टेशनों के लिए अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता का आकलन कर सड़कों और एकीकरण की सुविधा का पता लगाना होगा।