मेजेंटा लाइन मेट्रो पर राजनीति अब तेज हो गयी है। नई मेट्रो सेवा को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने सामने है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेजेंटा लाइन मेट्रो का शुभारंभ करेंगे। उद्घाटन के लिए बीजेपी ने 25 दिसंबर का दिन इसलिए चुना है क्यूंकि आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिवस है।
वैसे आज ही के दिन एक और भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती भी है। पंडित जी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान समाज सुधारक, शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी थे।
25 दिसंबर का दिन ना सिर्फ बीजेपी बल्कि खुद मोदी के लिए भी विशेष है। आज ही के दिन मोदी ने गुजरात में सीएम पद की शपथ ली थी। मेजेंटा मेट्रो के उद्घाटन की तैयारियां पूरी कर ली गयी है। मोदी की यात्रा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए है। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है।
नई मेट्रो सेवा पर वैसे राजनीति भी गरमा गयी है। अक्सर एक दूसरे के विरोध में खड़े रहने वाली मोदी और दिल्ली सरकार इस नई मेट्रो सेवा को लेकर भी आमने सामने है। दरअसल आज के उद्घाटन समारोह में केजरीवाल को नहीं बुलाया गया है जिसके कारण ‘आप’ पार्टी दुखी है।
उद्घाटन समरोह में केजरीवाल को ना बुलाया जाना ‘आप’ पार्टी को इतना नागवारा गुजरा है कि पार्टी ने अपने हिस्से की रकम वापस माँगना शुरू कर दिया है। पार्टी के अनुसार इस परियोजना में 50 फीसदी की भागीदारी दिल्ली सरकार की भी है लेकिन उसके बावजूद कार्यक्रम में केजरीवाल को शामिल नहीं किया गया है।
मेजेंटा मेट्रो पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि इस मामले में मोदी सरकार राजनीति खेल रही है और मेजेंटा लाइन मेट्रो उद्घाटन समारोह में बिना किसी आप नेता को शामिल करके परियोजना का पूरा श्रेय खुद लेना चाहती है।
गौरतलब है कि तीसरे फेज़ में मेजेंटा लाइन जनकपुरी वेस्ट से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन के बीच चलाई जाएगी लेकिन फ़िलहाल यह मेट्रो सेवा कालकाजी मंदिर से बॉटनिकल गार्डन के बीच शुरुआत में चलाई जा रही है।
योगी दशकों पुराने मिथ को आज तोड़ देंगे
25 दिसंबर को नई लाइन का उदघाटन समारोह रखा गया है जिसमे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े राजनेता आएंगे। कार्यक्रम इसलिए भी ख़ास है क्यूंकि यह नोएडा में रखा गया है।
नोएडा से जुड़ा एक बड़ा मिथ यह है कि यूपी का सीएम होते हुए जो कोई भी नोएडा का दौरा करता है उसकी सरकार चली जाती है। इसी मिथ के कारण लभग पिछले दो दशकों से किसी भी सीएम ने नोएडा का दौरा नहीं किया है।
अखिलेश तो इस छेत्र से जुड़े तमाम फैसलों, परियोजनाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों का उद्घटान अपने ऑफिस से ही कर देते थे। मायावती के बाद योगी ऐसे पहले राजनेता है जो सीएम होते हुए भी इस छेत्र का दौरा कर रहे है।