दिल्ली में प्रदुषण ने पिछले दो दिनों में साल के सबसे बड़े स्तर को छू लिया है। प्रदुषण नियंत्रण समिति ने प्रदुषण की रेटिंग सीवियर से बढ़ाके इमरजेंसी कर दी। आपको बतादे सीवियर एवं इमरजेंसी जैसी रेटिंग्स प्रदूषण को नापने के मानक होते हैं। ये बताते हैं कि प्रदुषण के कितने खराब हालात हैं।
प्रदुषण के दिल्ली में प्रभाव :
इमरजेंसी रेटिंग का मतलब है की हालत नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं एवं तत्काल एक्शन लेने की ज़रुरत है। अभी क्रिसमस का त्यौहार है लेकिन ये दिल्ली के लोगों के लिए बुरा साबित हो सकता है। बाहर वातावरण में हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गयी है की यह सांस लेने के लिए भी उचित नहीं है। यह हमारे श्व्सन तंत्र को भारी नुक्सान पहुंचा सकता है।
क्या हैं प्रदुषण बढ़ने के कारण :
दिल्ली में प्रदुषण नियंत्रण समिति के मुख्या अधिकारियों का कहना है की यह मुख्यतः दिल्ली में बढ़ रहे स्मोग, एवं हवा की कमी से हुआ है। जब हवा की कमी होती है तो वाहनों एवं कोयले के पॉवर प्लांट्स से निकला धुआं हमारे ऊपर वातावरण में ही जमा रह जाता है। इससे वातावरण में शुद्ध हवा की कमी होती है एवं इसमें प्रदुषण की मात्र बढती है।
दिल्ली में वायु प्रदुषण के आंकड़े :
सरकार के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों ने अभी वायु गुणवत्ता सूचकांक ज़ारी किया है, जो जहरीले कण पदार्थ की एकाग्रता को मापता है, रिपोर्ट्स के अनिउसार यह सोमवार को औसतन 449 रहा, जोकि रविवार के 450 अंक से थोड़ा ही बेहतर था। बताया जा रहा है की दिल्ली में रविवार को प्रदुषण ने इस साल का सबसे उच्चतम स्टार को छूया है।
सरकार द्वारा प्रदुषण कम करने की पहल :
ओड इवन का प्रयास :
दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदुषण को देखते हुए 13 नवम्बर से 17 नवंबर तक ओड-इवन लागू करने के आदेश दिए थे। इसके जरिये एक दिन ओड नंबर वाले वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे ओर दूसरे दिन इवन नंबर वाले वाहन सड़क पर उतरेंगे।
सरकार इस फैसले के जरिये वाहनों की संख्या कम करके वायु प्रदुषण पर काबू पाना चाहती है। दिल्ली में वायु प्रदुषण इतना बढ़ गया है कि मौसम आपातकाल की स्थिति बन गई है। स्कूलों ओर अन्य संस्थानों को रविवार तक बंद रखने को कहा है।
जारी किये इलेक्ट्रिक वाहन :
दिल्ली सरकार ने “इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी” को लोगो के सामने पेश किया था। इस पॉलिसी के तहत उन्होंने 25% नए पंजीकृत व्हीकल्स को 2023 तक इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है। ये सब ऑटो, रिक्शा और दोपहिया वाहनों को सब्सिडी दिलाने के कारण ही संभव हो पाएगा।
प्रदुषण को कम करने के कुछ उपाय :
वाहनों की संख्या घटाएं:
परिवहन के लिए अप्रदूषित वाहनों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक बसों और मेट्रो का इस्तेमाल करें। यदि आप टैक्सी ले रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप इसे अन्य लोगों के साथ साझा कर सकें।
वातावरण साफ़ रखें :
हमारा वातावरण साफ़ रखना हमारे ही नियंत्रण में हैं। इसके लिए कोशिश करें कि आप आस-पास सफाई रखें। सड़क या अन्य सार्वजानिक जगह पर कूड़ा इकट्ठा ना होने दें।
इसके अलावा कोशिश करें कि बिना वजह कहीं आग ना जलाएं। सर्दियों के दिनों में लोग अकसर सूखे पत्त्ते और लकड़ियां जलाकर सिकते हैं। ध्यान रहे कि सूखे पत्तों को जलाना वायु के लिए बहुत ही हानिकारक है।
अन्य कुछ उपाय :
इसके अलावा कम से कम बिजली का इस्तेमाल करने की कोशिश करें। दिन में बल्ब आदि ना जलाएं और ऐसी और फ्रिज का इस्तेमाल कम से कम करें।
यदि आप किसी तरह के निर्माण कार्य शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो कुछ दिनों के लिए इसे रोक दें। निर्माण कार्य के दौरान इस्तेमाल होने वाली मशीनें वातावरण के लिए काफी हानिकारक होती हैं।
यदि आपके वाहन का इंजन काफी पुराना है, तो इसे बदलवा लें। इंजन पुराना होने से उसमे से हानिकारक गैस बाहर निकलती है। इसके अलावा अपने वाहनों के टायरों में हवा पूरी तरह से भरवा लें। टायरों में कम हवा होने से सड़क पर इसका ज्यादा दबाव बनता है, जो वायु प्रदुषण में भी भूमिका निभाता है।