राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा हाल ही में पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया है की हरियाणा मंत्रालय द्वारा दिल्ली से अलवर तक के डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट को हाल ही में हुई एक बैठक में मंजूरी दे दी गयी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में क्षेत्रीय गतिशीलता बढ़ाने के लिए और परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए NCRTC जिम्मेदार है। NCRTC के अनुसार, हरियाणा मंत्रिमंडल ने परियोजना लागत के लिए 6436 करोड़ रुपये के सकल योगदान को भी मंजूरी दी। NCRTC का दावा है की एक बार इस कॉरिडोर के बनते ही दिल्ली से शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ तक यात्रा का समय 3 घंटे से कम होलर केवल 70 मिनट ही रह जाएगा।
500 करोड़ का दिया योगदान :
इस परियोजना को मंजूरी देने के साथ साथ राज्य सरकार ने परियोजना को पूरा करने के लिए 500 करोड़ की पूँजी के योगदान की घोषणा भी की है जोकि की राज्य के कोष से दिए जायेंगे। एनसीआरटीसी बोर्ड ने दिसंबर 2018 के महीने में 106 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर की डीपीआर को मंजूरी दी थी। इसके अलावा, आरआरटीएस के 1.5 किमी के भीतर खरीद योग्य क्षेत्र अनुपात (एफएआर) के स्लैब को 1.25 तक बढ़ा दिया गया था।
तीन चरणों में होगा निर्माण :
इस परियोजना के तहत तीन कॉरिडोर बनेंगे। इन तीनों में से दिल्ली से अलवर का कॉरिडोर जिसकी कुल 164 किलोमीटर लम्बाई है, उसका निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा। सबसे पहले चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी काम्प्लेक्स बनाया जाएगा। इसके बाद दुसरे चरण में एसएनबी को सोतानाला तक बनाया जाएगा और आखिरी तीसरे चरण में इस कॉरिडोर को अलवर तक खींचा जाएगा।
इस कोरिडोर के निर्माण के लिए कार्य शुरू हो चूका है। जल्द ही इसकी आधारशिला रखी जाएगी।
कोरिडोर के निर्माण बारे में जानकारी :
सूत्रों के अनुसार बनने वाला दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर 71 किलोमीटर के लिए एलिवेटेड होगा जिसमे कुल 11 स्टेशन्स होनोगे और इसके साथ ही बचा हुआ 35 किलोमीटर का यह अंडरग्राउंड कोरिडोर होगा जिसमे 5 स्टेशन्स होंगे। अंडरग्राउंड कॉरिडोर मुख्यतः दिल्ली और गुरुग्राम के बीच होगा। अंडरग्राउंड दूरी ख़त्म होने के बाद यह सरायकालेखा पर दुसरे स्टेशनों से मिलेगा जहां यह यात्रियों को दुसरे लाइन बदलने की भी सुविधा देगा।