दालचीनी एक मसाला है जिसे सिनामोन पेड़ के अंदर की छाल से बनाया गया है। यह व्यापक रूप से लोकप्रिय है और कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी घातक बिमारियों के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा इसे कुछ अन्य प्रभावशाली स्वास्थ्य लाभों से भी जोड़ा गया है।
दालचीनी के दो मुख्य प्रकार हैं:
कैसिया: इसे “नियमित” दालचीनी भी कहा जाता है और यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है।
सीलोन: यह “ट्रू” दालचीनी के रूप में जाना जाता है। इसमें हल्का और कम कड़वा स्वाद होता है।
कैसिया दालचीनी सुपरमार्केट में अधिक पाया जाता है क्योंकि यह सिलोन दालचीनी की तुलना में बहुत सस्ता होता है। जबकि कैसिया दालचीनी छोटे से मध्यम मात्रा में खाने के लिए सुरक्षित है वहीं इसे बहुत अधिक खाने से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि इसमें कूमेरिन नामक यौगिक की उच्च मात्रा मौजूद होती है।
अनुसंधान में पाया गया है कि बहुत ज्यादा कूमेरिन खाने से आपके लीवर को नुकसान हो सकता है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, बहुत अधिक कैसिया दालचीनी खाने से भी इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं।
दालचीनी के नुकसान (side effects of cinnamon in hindi)
आइये, अत्यधिक दालचीनी के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हैं।
1. इससे रक्त में शक्कर की मात्रा कम हो सकती है
पुराने समय से बढ़ी हुई रक्त शर्करा हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही बड़ी समस्या बन सकती है। यदि इसका उचित इलाज न किया जाये तो यह मधुमेह, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन सकता है।
दालचीनी में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के गुण पाए जाते हैं जिससे ये समस्याएं दूर रहती हैं लेकिन यदि अत्यधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन कर लिया जाए तो यह इन्सुलिन की तरह काम करने लगता है जो शरीर से शक्कर की मात्रा को घटाने के लिए ज़िम्मेदार होता है। इस स्थिति को हाइपरग्ल्य्समिया कहते हैं। इसके कारण शरीर में थकान, चक्कर, बेहोश होने आदि की समस्याएं हो जाती हैं।
यह परेशानी ज़्यादातर उन लोगों में हो जाती है जो मधुमेह की दवाई का सेवन भी करते हैं। अधिक दालचीनी खाने से दवाइयों का असर गहरा हो जाता है जिससे इस रक्त शर्करा में गिरावट आ जाती है।
2. मुँह में छाले हो जाते हैं
कई लोगों को अत्यधिक दालचीनी का सेवन करने के कारण मुँह में छाले हो जाते हैं। इसका कारण दालचीनी में पाया जाने वाला यौगिक सिनामैल्डिहाइड होता है। यह मुँह में एक एलर्जिक रिएक्शन उत्पन्न कर देता है जिसके कारण ऐसा होता है।
कम मात्रा में दालचीनी लेने पर ऐसा कुछ नहीं होता है क्योंकि मुँह का लार केमिकाल्स को ज्यादा देर तक मुँह के संपर्क में नहीं रहने देता है मुंह के घावों के अलावा, सिनामाल्डीहाइड एलर्जी के अन्य लक्षणों में जीभ या गम में सूजन, मुंह में जलन या खुजली और सफेद धब्बे शामिल होते हैं। हालांकि ये लक्षण गंभीर नहीं होते हैं, लेकिन वे आपके लिए असुविधा पैदा कर सकते हैं।
हालांकि, ये छाले उन्ही लोगों को होते हैं जो सिनामाल्डीहाइड से एलर्जिक होते हैं। इसका सेवन करने से पहले आप पैच टेस्ट के ज़रिये इसकी जांच कर सकते हैं। इसके अलावा ये उन्ही लोगों को नुक्सान करता है जो दालचीनी का तेल या दालचीनी वाली चेविंग गम का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इनमें सिनामाल्डीहाइड अधिक मात्रा में पाया जाता है।
3. श्वास सम्बन्धी समस्याएं
एक ही बार में हद्द से ज्यादा दालचीनी का सेवन करने से श्वास सम्बन्धी समस्याएं आपको घेर सकती हैं। इसका मुख्य कारण यह होता है कि इसकी ऐसी बनावट होती है कि इसे आसानी से गटका जा सकता है। ऐसा होना पर आपको खांसी, गैगिंग और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
अस्थमा या दूसरी श्वास सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को यह ध्यान रखना चाहिये कि वे अत्यधिक दालचीनी का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे उनको सांस लेने में तकलीफ आदि की परेशानियाँ हो सकती हैं।
4. लीवर को नुक्सान पहुंचाता है
कैसिया या “नियमित” दालचीनी क्यूमरिन का समृद्ध स्रोत है। इसमें लगभग 5 मिलीग्राम क्यूमिनर प्रति चम्मच (2 ग्राम) होता है, जबकि सीलोन दालचीनी में यह बहुत कम मात्रा में होता है।
कैसिया दालचीनी के सिर्फ एक से डेढ़ चम्मच आप दैनिक सीमा पर डाल सकते हैं। दुर्भाग्य से, कई अध्ययनों से पता चला है कि बहुत ज्यादा दालचीनी खाने से लीवर में विषाक्तता और क्षति हो सकती है।
5. कैंसर का खतरा बढाता है
शोधों में यह पाया गया है कि दालचीनी का ज्यादा सेवन करने से कैंसर की कोशिकाएं बढती हैं जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। कैमरिन किस तरह से ट्यूमर का कारण बनता है वह अभी भी अस्पष्ट है।
हालांकि, कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि कूमारिन बार-बार कुछ अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। समय के साथ, क्षति के कारण स्वस्थ कोशिकाओं को ट्यूमर कोशिकाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है, जिससे कैंसर हो सकता है।
6. कुछ दवाओं के साथ मिलकर नुक्सान पहुँचाता है
यदि आप किसी दवाई का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो दालचीनी का नियमित मात्रा में ही सेवन करें अन्यथा ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
ऐसे लोग जो हृदय रोग, लीवर सम्बन्धी रोग या ब्लड प्रेशर की दवाइयां लेते हैं, उन्हें दालचीनी का सेवन करने से पहले ये याद रखन चाहिए कि ये दवाइयों के असर को दोगोना कर देता है और इससे कई प्रकार के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
main daalcheeni ko garam doodh ke saath ltta hon. isse mere muh mein chhale ho jaate hain. ab main normal doodh leta hoon.
jaisa ki aapne bataaya ki daalcheeni dawaaon ke saaath mil jaata hai . ye kon kon si dawaaen hoti hain jinme daalchini hoti hai and kyaa hamen inka sewan nahin karnaa chaahiye?
agar main jyaada daalchini khaaun to kyaa mere face par pimples bhi ho sakte hian kyaa? please batayen
Kyaa dalchini se hamen koi skin disease bhi hoti hai? Hame ek din mein kitni daal chini ka sevan karna chaahiye ?