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    अमेरिकी राजदूत

    अमेरिका के राजदूत टेर्री ब्रेनस्टाड ने बीजिंग के समक्ष दलाई लामा से बातचीत का प्रस्ताव रखा था। चीन ने इस पेशकश को मंगलवार को ठुकरा दी है और कहा कि “वह तिब्बत या उसके आंतरिक मामलो में विदेशी हस्तक्षेप का विरोध करते हैं।” राजदूत ने 19 से 25 मई तक तिब्बत की यात्रा की थी।

    तिब्बत की यात्रा करने वाले वह चीन में पहले अमेरिकी राजदूत है। उन्होंने चीनी सरकार से बगैर किसी शर्त के दलाई लामा और उनके प्रतिनिधियों के साथ मूल वार्ता करने की मांग की थी ताकि आपसी मतभेदों को सुलझाया जा सके। अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता के मुताबिक, तिब्बत के बौद्ध धर्म की स्वतंत्रता पर चीनी सरकार की दखलंदाज़ी के प्रति राजदूत ने चिंता भी व्यक्त की है।

    दलाई लामा से बातचीत पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया से कहा कि “चीनी अधिकारीयों ने चीन की धार्मिक और संजातीय नीतियों के बाबत अमेरिकी राजदूत को संक्षेप में बता दिया है और साथ ही तिब्बत में सामाजिक-आर्थिक विकास के बारे में भी जानकारी दी है।”

    उन्होंने कहा कि “अधिकारीयों ने दलाई लामा से संपर्क व वार्ता और तिब्बत में विदेशियों की पंहुच पर चीनी सरकार की नीति के बाबत भी राजदूत को स्पष्ट कर दिया गया है। चीन तिब्बत के आंतरिक मामलो में विदेशियों की दखलंदाज़ी का सख्ती से विरोध करता है।”

    प्रवक्ता ने कहा कि “राजदूत ने यहां मिले सत्कार के प्रति आभार व्यक्त किया और तिब्बत में सामाजिक आर्थिक विकास के बाबत सकारात्मकता से कहा और कहा कि इस यात्रा में उन्हें तिब्बत के हालातो को बेहतर समझने में मदद मिली है।”

    अमेरिका ने इस साल की शुरुआत में तिब्बत रेसिप्रोकल बिल पारित किया था और धमकी दी थी कि यदि चीन अमेरिकी नागरिकों, सरकारी अधिकारियो और पत्रकारों की तिब्बत में पहुंच में बाधा डालता है और वैसी ही जवाबी कार्रवाई हम भी करेंगे।

    83 वर्षीय दलाई लामा साल 1959 से तिब्बत से निर्वासित होकर भारत में रह रहे हैं। चीन का दावा है कि सात शताब्दियों से अधिक समय से तिब्बत चीन का अभिन्न अंग है।

    सिन्हुआ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि, वन, पशुपालन, मछली पालन और सुविधा उद्योग के अतिरिक्त मूल्य में साल 1959 में 128 मिलियन युआन से बढ़कर आज साल 2018 में 13.41 अरब युआन हो गयी है। तिब्बत का आधुनिक उद्योग में वृद्धि का ग्राफ निरंतर बढ़ता जा रहा है। तिब्बत के उद्योग का मूल्य साल 1959 में 15 मिलियन युआन था और अब 11.45 अरब युआन हो गया है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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