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    एफ-35 लडाकू विमान

    दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिका के एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण उत्तर कोरिया को विशेष हथियारों को विकसित करने और परिक्षण करने के लिए मज़बूर कर रहा है। सरकारी रीसर्चर के हवाले से गुरूवार को उत्तर कोरिया की मीडिया ने यह बात कही थी।

    उत्तर- दक्षिण सम्बन्ध

    दक्षिण कोरिया के विभाग उत्तर और दक्षिण के बीच सहयोग और सुलह के बाबत जोर से बात करने में प्रभावशाली और दयनीय है जबकि अमेरिका से अधिक हथियार खरीद रहे हैं। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय में अमेरिकी अध्ययन के पॉलिसी रिसर्च डायरेक्टर ने केसीएनए के जरिये यह बात कही थी।

    बयान में उन्होंने कहा कि “अब यहां संदेह के लिए कोई जगह नहीं है कि एफ 35 की  डिलीवरी का मकसद पडोसी मुल्को में सैन्य ताकत मज़बूत करना है और विशेषकर कोरियाई पेनिन्सुला में आपातकाल के दौरांन उत्तर पर आक्रमण के लिए दरवाजे को खोलना है।”

    उन्होंने कहा कि “हमारे समक्ष कोई विकल्प नहीं है कि हम हम विशेष हथियारों को विकसित करे या उनका परिक्षण करे ताकि दक्षिण कोरिया के हथियारों को ध्वस्त किया जा सके। दक्षिण को मार्च में दो एफ-35 की डिलीवरी की जा चुकी है और शेष की इस वर्ष तक आपूर्ति हो जायेगी।” दक्षिण कोरिया 40 एडवांस एयरक्राफ्ट को खरीदने के लिए राज़ी हो ब्गाया है और अंत में साल 2021 में इसे भेजा जायेगा।

    दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प की जून में कोरियाई सीमा पर मुलाकात के दौरान बातचीत की थी। यह कुछ संकेत है कि दोनों देशों के बीच संबंधो में सुधार आया है। बयान में कहा कि “इससे पहले की देर हो जाए, बेहतर होगा कि दक्षिण कोरिया के विभाग अपने होश में आ जाये। यह एक कल्पना ही है कि अगर वह अमेरिका के पदचिन्हों पर चलेंगे तो कोरियाई संबंधों को सुधारने का कोई अवसर आएगा।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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