तिरंगा पॉलिटिक्स (Politics Over Tricolor) : 15 अगस्त यानी स्वन्त्रता दिवस में महज कुछ दिन शेष हैं और इसके मद्देनजर देश मे तिरंगे वाली राजनीति भी अपने चरम पर है। ब्रिटानिया हुकूमत से आज़ादी का 75वां वर्षगाँठ मनाने जा रहे देश मे तिरंगे को लेकर देश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने एक ही तिरंगे के वास्ते अलग अलग अभियान छेड़ रखा है और सब एक दूसरे से अव्वल और अलग दिखना चाह रहे हैं।
भाजपा ने “हर घर तिरंगा” अभियान चलाया तो कांग्रेस अपनी “तिरंगा यात्रा” निकाल रही है। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने देश की राजधानी दिल्ली में 500 बड़े तिरंगे लगाने का अभियान चला रखा है।
विपक्षी दल खासकर कांग्रेस, सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं चूक रही है। बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में राशन कार्ड धारी उपभोक्ताओं को जबरदस्ती तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है।
राशन के लिए तिरंगा खरीदने पर मज़बूर ग़रीब
श्री राहुल गाँधी ने भाजपा को घेरते हुए सोशल मीडिया (Facebook) पर कहा कि बीजेपी “राष्ट्रवाद” को बेच रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति भावना को बेचा नहीं जा सकता। यह शर्मिदगी की बात है कि गरीब जनता को राशन के साथ 20₹/- का तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
उस से पहले भारतीय जनता पार्टी के ही सांसद वरुण गांधी ने भी आरोप लगाया था कि राशनकार्ड धारियों को तिरंगा झंडा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75वें वर्षगाँठ मनाना गरीबों के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है।
आजादी की 75वीं वर्षगाँठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाए तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
राशनकार्ड धारकों को या तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है।
हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है। pic.twitter.com/pYKZCfGaCV
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 10, 2022
हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में हर घर के छत पर 20 करोड़ तिरंगा फहराने का दावा कर रही है।
आजादी का 75वां वर्षगाँठ और राजनीति
देश की राजनीति कहाँ से उठकर कहाँ तक आ गयी इस पर चर्चा कभी बाद में करेंगे लेकिन इस अमृतकाल मे हमें यह जरूर सोचना चाहिए कि तिरंगे का उचित सम्मान क्या है।
हम एक ऐसे दौर में “हर घर तिरंगा” फहराने की बात कर रहे हैं जब आज़ादी के 75 सालों के बाद भी इस देश मे लगभग 18 लाख लोगों के पास अपना घर ही नहीं है (स्त्रोत: 2011 जनगणना) और वे खुले आसमान में सोने को मजबूर हैं।
सरकारी दावों को ही माने तो कोरोना काल मे 135 करोड़ आबादी वाले देश मे 80 करोड़ लोगों को राशन देने की जरूरत पड़ गई वरना भूखों मरने वाली हालात थी। आज़ादी के 75 साल बाद भी आज देश मे 20 करोड़ लोग (14% आबादी) हर शाम खाद्य संकट से दो-चार हो रहे हैं।(स्रोत: FAO’s The State of Food Security And Nutrition in world Report 2020).
हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2021 में भारत का स्थान 116 देशों में 101वां रहा था। हालांकि भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को बनाने की पद्धति पर ही सवाल खड़ा करते हुए नकार दिया था।
As per Global Hunger index 2021 report prepared by ‘Welthungerhilfe’ and ‘Concern Worldwide’, India’s score is 27.5 and it has ranked 101 among 116 countries.
Details: https://t.co/itdDqGNuar@MinistryWCD
— PIB India (@PIB_India) December 8, 2021
अब इन आंकड़ों के साथ अगर किसी को राशन दुकान पर जबर्दस्ती 20₹/- का तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जाये, तो यह “हर घर तिरंगा” अभियान के औचित्य पर सवाल तो खड़ा करता ही है।
यहाँ यह स्पष्ट कर दें कि यद्यपि हर घर तिरंगा अभियान सिर्फ आज की केन्द्र सरकार यानी बीजेपी द्वारा चलाया गया अभियान है; तथापि जिन उपरोक्त वजहों से इसके औचित्य पर सवाल खड़ा किया जा सकता है (भुखमरी, गरीबी, छतविहीनों की संख्या आदि), उसके लिए कोई एक राजनीतिक पार्टी बीजेपी या कांग्रेस जिम्मेदार नहीं है बल्कि देश के शाशन में आजतक साझेदारी करने वाला हर दल और हर नेता जिम्मेदार है।
तिरंगा राजनीति के पीछे छुप रही बीजेपी: विपक्ष
विपक्ष ने लगभग एक सुर में बीजेपी के हर घर तिरंगा अभियान को बीजेपी द्वारा केंद्र सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने वाला अभियान बताया है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कहा कि एक तरफ़ बीजेपी तिरंगा को लेकर अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ इसके मूल संस्था RSS वर्षों से इसी तिरंगे का विरोध करती रही है।
उन्होंने आगे कहा, कि हमें उनके इस अभियान से कोई समस्या नहीं है लेकिन सबसे पहले उन्हें यह करना चाहिए कि आरएसएस के सभी शाखाओं पर तिरंगा फहराया जाना जरूरी है।
वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी बीजेपी के इस अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा- “आरएसएस से सम्बद्ध पत्रिका आर्गेनाइजर ने 17 जुलाई 1947 ने मांग की थी देश का राष्ट्रीय झंडा भगवा होना चाहिए। PM मोदी कहते हैं कि आरएसएस उनको प्रेरित करती है।”
विपक्ष के आक्रमण और बीजेपी का जवाब
विपक्ष द्वारा लगातार हमले किये जाने के बाद बीजेपी के तरफ से केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय झंडा तिरंगा राजनीति के लिए कोई मुद्दा नहीं हो सकता है। हर किसी को हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ना चाहिये। उन्होंने विपक्ष से मांग की कि इस अभियान को लेकर अपनी राजनीति बंद करे।
खैर, यह जरूर है कि इन राजनीतिक दलों को “मेरा तिरंगा और तेरा तिरंगा…” बंद कर के “भारत का तिरंगा, सबका तिरंगा…” वाली वस्तुस्थिति को अपनाना चाहिए। तिरंगा का सम्मान सही मायने में तभी होगा जब कम से तिरंगा को राजनीति के हथकंडे से दूर रखा जाए।