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    ताइवान में समलैंगिक विवाह

    एशिया में शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रूप में दर्ज हो गया है क्योंकि ताइवान में पहले समलैंगिक जोड़ा विवाह के बंधन में कानूनी तरीके से बंध गया है। यह जोड़ा उल्लसित और इसमें भावुक परिदृश्य थे, यह समानता के हक़ के लिए तीन दशकों के संघर्ष का परिणाम है।

    बीते हफ्ते ताइवान में सांसदों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी वैधता प्रदान करने का हैरतअंगेज़ निर्णय लिया था जबकि रूढ़िवादी विपक्ष इसकी अवहेलना कर रहा था। दर्ज़नो जोड़े तेपेई में स्थित सरकारी दफ्तर में अपने सम्बन्धो पर कानूनी मोहर लगवाने के लिए आये थे।

    विवाह प्रमाण पत्र और पहचान पत्र सूची को प्रदर्शित करने से पूर्व समलैंगिक जोड़ो ने मीडिया के सामने अपनी ख़ुशी का इजहार किया था। इनमे सामाजिक कार्यकर्ता हुआंग मेई यु और उनके पार्टनर यू या टिंग भी शामिल थे। संसद ने समलैंगिक विवाह को वैधता प्रदान की थी और एशिया के इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद ताइवान के एलजीबीटी अधिकारों के समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया था।

    हुआंग ने अपने विवाह प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि “बहुत देर से हुआ लेकिन मैं खुश हूँ कि हमने कानूनी तरीके से विवाह किया है। अपने प्रेम की कानूनी मान्यता एक महत्वपूर्ण कदम है और यह दूसरों को अपने सम्बन्ध कबूल करने में मदद करेगा।”

    उन्होंने कहा कि “समलैंगिक विवाह को कानूनी चोला पहना दिया गया है और मेरे ख्याल से अब मेरे माता-पिता को महसूस होगा कि यह सच है और वह अब मुझे एक पुरुष से शादी करने के लिए नहीं कहेंगे।”

    शाने लीन और मार्क युआन जोड़े को कॉलेज में प्रेम हो गया था और इसका पंजीकरण करने के लिए वह सबसे पहले थे। लीन ने पत्रकारों से कहा कि “यह आसान सफर नहीं है और मैं तकदीरवाला हूँ कि मेरे पास मेरे पाटर्नर, मेरे परिवार और मेरे दोस्तों का सहयोग था। आज मैं लोगो के सामने कह सकता हूँ कि हम समलैंगिक है और हम शादी के बंधन में बंध रहे हैं। मुझे बेहद गर्व है कि मेरा देश बेहद प्रगतिशील है।”

    कानूनी अधिकार के लिए लम्बा संघर्ष

    ताइवान ने बीते माह समलैंगिक विवाह को मंज़ूरी देकर इतिहास रचा है लेकिन इस मसले पर द्वीप के विचार विभाजित और रूढ़िवादी रहे हैं। शुक्रवार को करीब 300 समलैंगिक जोड़ो ने विवाह का पंजीकरण कराया था जिसमे राजधानी में ही 150 थे।

    समलैंगिक अधिकारों के दिग्गज कार्यकर्ता ची चिअ वेई ने आयोजित जश्न में लाल रंग का सूट पहना था। ची ने ही ताइवान की संवैधानिक में याचिका दायर की थी। साल  2017 के निर्णय में समलैंगिक विवाह को मंज़ूरी देने से इंकार कर दिया था।

    उन्होंने कहा कि “मुझे बेहद ख़ुशी होती है कि आखिरकार समलैंगिक जोड़ो का पंजीकरण किया जायेगा। मैं शुक्रवार को विवाह के पंजीकरण का गवाह बनकर गौरवान्वित हूँ।”

    बीते दशक में ताइवान समलैंगिक अधिकारों के प्रति प्रगतिशील रहा है। लेकिन समाज का ध्रुवीकरण अभी भी मसला है। नए कानून के तहत समलैंगिक जोड़ो को कोई परेशानी नहीं झेलनी होगी। समलैंगिक जोड़े अभी सिर्फ पार्टनर के बायोलॉजिकल बच्चों को ही अडॉप्ट कर सकते हैं और सिर्फ उन्ही विदेशियों से विवाह के सम्बन्ध में बंध सकते हैं जहां समलैंगिक विवाह कानूनी है।

    समलैंगिक विवाह के समूह ने कहा कि “हम अभी आंशिक समानता को स्वीकार करने के इच्छुक है और भविष्य में कई कानूनी जंग जीतने की उम्मीद रखते हैं मसलन बच्चा गोद लेना, सरोगसी और विदेशियों से शादी जैसे मामले अभी शेष है।” विपक्षियों ने राष्ट्रपति त्साई इंग वे और इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसदों को सज़ा देने का संकल्प लिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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