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    ताइवान की राष्ट्रपति

    ताइवान की नेता तसे इंग वेन ने गुरूवार को चीन की मुख्यभूमि और द्वीप के शांतिपूर्ण एकीकरण की मांग को ख़ारिज किया है। उन्होंने हांगकांग में हिंसक प्रदर्शन के लिए बीजिंग को कसूरवार ठहराया है और कहा ऐसे समझौते ने हांगकांग को नाफ़रमानी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।”

    राष्ट्र को संबोधित करते हुए त्साई ने ताइवान की संप्रभुता को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि “उनका प्रशासन अपने लोकतंत्र और आजादी की रक्षा करेगा क्योंकि चीन द्वीप पर दबाव और सैन्य तैनाती को बढ़ा रहा है।” त्साई बीजिंग के प्रति प्रशासनिक नीतियों पर आलोचनाओ का सामना कर रही है।

    ताइवान में जनवरी में राष्ट्रपति चुनावो का आयोजन होगा। उन्होंने चीन की एक देश, दो प्रणाली व्यवस्था को न्बकाम करार दिया है। उन्होंने कहा कि “चीन अभी भी ताइवान पट एक देश, दो प्रणाली व्यवस्था को ताइवान पर थोपने से भयभीत है और सैन्य तैनाती क्षेत्रीय स्थिरता और शान्ति के लिए एक बेहद गंभीर चुनौती है।”

    उन्होंने कहा कि “जब लोकतंत्र और आजादी को चुनौती दी जाएगी और चीनी गणराज्य के अस्तित्व और विकास पर खतरा मंडराएगा, हम खड़े होंगे और खुद की रक्षा करेगे। देश के 2.3 करोड़ लोगो ने चीन की एक देश, दो प्रणाली की व्यवस्था को नकार दिया है।

    चीन के सुरक्षा बल ने रविवार को हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को चेतावनी जारी की थी। शहर में चार महीने पहले शुरू हुए प्रदर्शन के बाद यह चीनी सेना की पहली चेतावनी है। यह पहली बार था जब हांगकांग के प्रदर्शनकारियो ने चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी से कोव्लून जिले में मुलाकात की थी ,सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शंकरियो को सावधान किया था कि वह सैनिको पर हमले और लेज़र लाइट के साथ बेरक दीवारों को निशाना बनाने के लिए उन पर हमला कर सकते हैं।”

    शुक्रवार को शहर की कार्यकारी अधिकारी लाम ने हांगकांग में प्रदर्शनकारियो के मास्क पहनने पर पाबन्दी लगा दी थी। उन्होंने मंगलवार को चीनी सेना की दखलंदाजी होने की चेतावनी दी थी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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