उत्तर कोरिया ने अब फिर से एक बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण किया है। माना जा रहा है कि यह उत्तर कोरिया की अब तक की सबसे लम्बी दुरी की मिसाइल है। इस परिक्षण के बाद जापान और अमेरिका सकते में आ गए हैं। इसके तुरंत बाद दोनों देशों के मुखिया ने फ़ोन पर बात कर इस मुद्दे को सुलझाने पर चर्चा की।
आपको बता दें कि कुछ सप्ताह पहले ही अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबन्ध लगाए थे। इसके अलावा अमेरिका ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश घोषित कर दिया था। इसके बाद कुछ दिनों के लिए उत्तर कोरिया ने कोई परिक्षण नहीं किया था, जिससे क्षेत्र में शान्ति का माहौल था। लेकिन अब फिर से पडोसी देशों में खलबली मच गयी है।
अमेरिका के वाइट हाउस की ओर से कहा गया, “डोनाल्ड ट्रम्प ने आज जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परिक्षण पर बात की है। दोनों नेताओं ने यह माना है कि उत्तर कोरिया की क्रियाओं से बाकी देशों की सुरक्षा पर खतरा है। अपने कर्मों की वजह से उत्तर कोरिया विश्व समुदाय से और दूर जा रहा है।”
उत्तर कोरिया के मिसाइल परिक्षण की कई लोगों ने कड़ी निंदा की है। अमेरिकी कानून मंत्रालय से जुड़े बेन कार्डिन ने कहा कि किम जोंग के देश के खिलाफ सभी देशों को एक जुट होना पड़ेगा।
उन्होंने बताया, “उत्तर कोरिया द्वारा आज बैलिस्टिक मिसाइल लांच करना यह साफ़ दिखाता है कि चाहे उसपर कितना भी अंतराष्ट्रीय दबाव डाला जाए, किम जोंग अपनी खतरनाक महत्वकान्शा पर विराम नहीं लगाएगा। इसके लिए यह जरूरी है कि ट्रम्प प्रशासन चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर कूटनीतिक तरीके से उत्तर कोरिया पर दबाव डाले, जिससे उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार रहित किया जा सके।”
इसके अलावा जापान में भी उत्तर कोरिया के मिसाइल परिक्षण पर कड़ी कार्यवाई देखने को मिली। जाहिर है उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परिक्षण किया था, वह जापान के आर्थिक जोन के अंतर्गत आता है। ऐसे में यह जापान की संप्रभुता के ऊपर कड़ा प्रहार है।