चीन अपनी दुस्साहस भरी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। डोकलाम मुद्दे पर भारत के शांतिपूर्ण रवैये पर आज फिर चीन ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया। चीन ने कहा कि बर्दाश्त की भी एक हद होती है। उसे डोकलाम मुद्दे पर भारत की दखलंदाजी और वहाँ भारतीय सेना की की मौजूदगी बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं है। वह अब इस मसले का आपसी बातचीत से कूटनीतिक हल निकलना चाहता था लेकिन यह संभव नहीं दिखता। कुछ भी बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है और भारतीय सेना ने उस सीमा को लांघ दिया है। अब यही ठीक रहेगा कि भारतीय सेना ‘तत्काल’ डोकलाम से पीछे हटे वरना चीन सैन्य कार्रवाई करने से भोई पीछे नहीं हटेगा। चीन की सेना पीएलए के कर्नल और चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने अपने हालिया जारी बयान में कहा है कि अभी तक चीन ने इस मामले पर गुडविल दिखाते हुए इसका कूटनीतिक हल निकालने की कोशिश की है। लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है और हमारा संयम अब ख़त्म हो रहा है।
भारत पर आरोप लगाते हुए चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत को यह बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि उसके देर करने की वजह से डोकलाम विवाद का हल नहीं निकलेगा। चीनी रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता ने धमकी भरे लहजे में कहा कि चीन से उसकी जमीन का एक टुकड़ा भी कोई देश नहीं छीन सकता। चीनी सेना अपने देश के भूभाग और सम्प्रभुता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। सिक्किम के पास स्थित डोकलाम में पिछले 50 दिनों से विवादित ट्राई जंक्शन क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत इस मसले का हल बातचीत से निकालना चाहता है जबकि चीन इस तनावपूर्ण स्थिति में लगातार धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर रहा है। भारत स्थित चीनी दूतावास ने कल 15 पेज का बयान जारी कर डोकलाम में भारत की मौजूदगी को गलत ठहराया था। बयान में भारतीय सेना की डोकलाम से ‘बिना शर्त’ और ‘तत्काल’ वापसी की बात कही गई थी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इससे पहले अपने बयानों में धमकी भरा अंदाज अपना चुके हैं। जी-20 देशों के सम्मेलन में चीन ने भारत के खिलाफ झूठे सबूत पेश कर डोकलाम में भारत की मौजूदगी को कमजोर साबित करने की कोशिश की थी।