विषय-सूचि
डाटा एन्क्रिप्शन क्या है? (data encryption meaning in hindi)
डाटा इंक्रिप्शन डाटा को अलग तरह से बदलने में, या फिर कोड को बदलने में लोगो की मदद करता है जिससे की यह एक गोपनीय चाबी या फिर पासवर्ड को पढ़ने में हमारी मदद करता है।
इंकरीपटेड डाटा को हम साइफर टेक्स्ट भी बोलते हैं जबकि बिना इंकरीपटेड डाटा को हम प्लेन टेक्स्ट बोलते हैं।
आजकल इंकरीपशन डाटा एक बहुत बड़ा और लोकप्रिय डाटा सेक्युर्टी मेथड है जो काफी संगठनों की मदद से इस्तेमाल किया जाता है।
दो तरह के डाटा एन्क्रिप्शन होते हैं – पब्लिक कीय एन्क्रिप्शन और सीमेट्रिक एन्क्रिप्शन। असीमेट्रिक इंक्रिप्शन को हम पब्लिक कीय इंक्रिप्शन भी बोलते हैं।
सीमेट्रिक इंक्रिप्शन – यह एल्गॉरिथ्म वही क्रिप्टोग्राफिक चाबी इस्तेमाल करती है जो की साइफर टेक्स्ट के इंक्रिप्शन और डीक्रिप्शन में इस्तेमाल होती है।
पब्लिक कीय इंक्रिप्शन – यह एल्गॉरिथ्म चाबियों की एक जोड़ी होती है। जिसमे से एक गोपनीय चाबी और दूसरी पब्लिक चाबी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह दोनों चाबियाँ गणितीय रूप में एक दूसरे से जुड़ी हुई होती हैं।
डाटा एन्क्रिप्शन का प्राथमिक कार्य (function of data encryption in hindi)
इसका मुख्य काम डिजिटल डाटा को सुरक्षित रखना होता है और कम्प्युटर सिस्टम की मदद से उसे सुरक्षित रूप से भेजने में यह मदद करता है।
आउटडेटेड डाटा इंक्रिप्शन स्टैंडर्ड (डीईएस) को हम नए तरीके की एल्गॉरिथ्म की मदद से चलाते हैं जो की आईटी सिस्टम की सुरक्षा और संचार में हमारी मदद करती है।
यह एल्गॉरिथ्म हमें गोपनियता और सुरक्षा की पहल में हमारी काफी मदद करती है जिससे की हम प्रभावी रूप से इस एल्गॉरिथ्म में काम कर सकें। इसके सिस्टम इतने सक्षम होते हैं की कोई भी संदेश भेजने वाला भेजे हुए संदेश को मना नहीं कर सकता।
डाटा एन्क्रिप्शन की प्रक्रिया (process of data encryption in hindi)
डाटा या फिर प्लेन टेक्स्ट को हम इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म के लिए इस्तेमाल करते हैं और इंक्रिप्शन के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
यह कार्य साइफर टेक्स्ट के लिए किया जाता है जिससे की यह केवल इसके असली तरीके से देखा जा सके। सीमेट्रिक कीय सिफर वही गोपनीय चाबी इस्तेमाल करता है जिसे हम संदेशों का इंक्रिप्शन और डीक्रिप्शन के लिए इस्तेमाल करते हैं।
इसमे जबकि वही सीमेट्रिक चाबी असीमेट्रिक चाबी से बेहतर काम करती है। जैसा की हमें पता है कंपनीयाँ जो होती हैं उन्हे सुरक्षा से डाटा को रखने और भेजने का काम होता है इसलिए हम इंक्रिप्शन और डीक्रिप्शन में इसका इस्तेमाल करते हैं।
जबकि दूसरी तरफ असीमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी को हम पब्लिक चाबी भी बोलते हैं। यह दो तरह की चाबी इस्तेमाल करता है जो की एक पब्लिक होती है और एक प्राइवेट होती है।
पब्लिक और प्राइवेट चाबी को इस्तेमाल करने के लिए हमें आरएसए एल्गॉरिथ्म की काफी जरूरत पड़ती है। आरएसए एल्गॉरिथ्म की वजह से ही हम यह काम आसानी से कर पाते हैं और यह हमें इस कार्य के बाद अच्छे परिणाम भी देता है।
साधारण एन्क्रिप्शन की चुनोतियाँ (challenges in contemporary encryption in hindi)
सामान्य काम जो किया जाता है इंक्रिप्शन के लिए वह है ब्रूट फोर्स और अगर इससे यह सही नहीं हो पाये तो हमें कुछ रैनडम चाबियों का इस्तेमाल करना पड़ता है जबतक की हमें कोई सही चाबी नहीं मिल जाती।
किसी चाबी की लंबाई जितनी भी चाबियाँ होती हैं उन्हे इस्तेमाल करके और उनका अनुमान लगाकर की जाती है जिससे की हम सही परिणाम जान पाएँ।
यह हमें ध्यान में रखना चाहिए की एनक्रिप्शन का साइज़ चाबी के साइज़ पर ही निर्भर करता है। जैसे ही चाबी का साइज़ बढ़ जाता है उस के बाद ही संसाधनों की जरूरत भी बढ़ जाती है।
साइफर को तोड़ने के लिए हमें साइड चैनल के अटैक और क्रिपटएनालिसिस की जरूरत पड़ती है। इस तरह के अटैक उनको पूरा करने के लिए किए जाते हैं जब किसी सिस्टम में कोई एरर होता है या फिर किसी सिस्टम के डिज़ाइन बदले जाते हैं तब इसका इस्तेमाल किया जाता है।
क्रिपटएनालिसिस को हम साइफर की कमजोरी निकालने और उस पर प्रभाव डालने के लिए करते हैं। क्रिपटएनालिसिस की तब जरूरत पड़ती है जब साइफर में किसी प्रकार की कमी पायी जाती है।
डाटा एन्क्रिप्शन के समाधान (application of data encryption in hindi)
डाटा इंक्रिप्शन के समाधान में सुरक्षा के लिए यह हमें उपकरण, ईमेल और डाटा को सुरक्षित रखने में इस्तेमाल होता है। कंपनी और संगठनों के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए चुनोतियाँ दी जाती है जिससे की यह डाटा के लॉस को बचा सके।
कुछ बाहरी उपकरणों की मदद से भी यह काम किया जाता है जिससे की हम डाटा को सुरक्षित रख सकें और इससे कंपनी सही से डाटा इस्तेमाल कर सके।
कुछ अपराधी डाटा को चुराने का काम करते हैं इन सब चीजों से बचने ले लिए हमें कुछ ठोस कदम उठाने पड़ते हैं जिससे की हम डाटा को संभाल कर रख सकें।
कंपनी अपने डाटा को बचाने के लिए काफी सॉफ्टवेयरों आदि का इस्तेमाल करते हैं जिससे की डाटा को सही से रखा जा सके।
डाटा इंक्रिप्शन काफी जटील काम है इसको करने में भी हमें काफी मेहनत लगती है और काफी ऊर्जा भी लगती है। बदलते वक़्त के साथ नई नई तकनीके आ रही हैं इस वजह से भी हमें काम करने में आसानी होती है।
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