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    ट्वीटर अधिकारी जैक डोरसे

    रोहिंग्या मुस्लिमों पर सैन्य अत्याचार के कारण म्यांमार आज अंतर्राष्ट्रीय जगत आलोचनायें झेल रहा है। बौद्ध बहुल म्यांमार में सेना ने रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से खदेड़ने के लिए एक बर्बर अभियान चलाया था। ट्वीटर के प्रमुख अधिकारी ने म्यांमार को एक पर्यटन का केंद्र बताकर प्रचार करने के कारण विवादों के चक्रव्यूह में फ़ांस गए हैं। बहरहाल उन्होंने म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के मानव अधिकारों के हनन पर एक शब्द नहीं बोला था। ट्वीटर प्रमुख ने नवम्बर में भारत की यात्रा के दौरान हिन्दुओं की भावनाओं को आहात किया था।

    जैक डोरसे ने ट्वीट कर कहा कि वह नवम्बर में मैडिटेशन के लिए उत्तरी म्यांमार गए थे। उन्होंने कहा कि वहां लोग आनादित थे और वहां का खाना अदभुत था। डोरसे के इस ट्वीट के बाद ट्वीटर पर उनकी आलोचानाएं होने लगी थी।

    एक ट्वीट ने आलोचना करते हुए कहा कि इस वक्त मुफ्त पर्यटन की पैरवी करना निंदनीय है। एक अन्य ने कहा कि यह गैर जिम्मेदाराना सिफारिश है। एक अन्य ट्वीटर यूजर ने लिखा कि अपने ही प्लेटफार्म पर ट्रेंड ख़बरों से प्रमुख वाकिफ नहीं है।

    म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हिंसक कार्रवाई

    म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों को खदेड़ने के लिए हिंसा की गयी थी और उनके घरों को तहस नहस कर दिया गया था। इस हिंसा के बाद साथ लाख रोहिंग्या मुस्लिमों को मजबूरन बांग्लादेश में पनाह लेनी पड़ी थी। यूएन ने इस हिंसक अभियान को संजातीय समूह का सफाया करना बताया था। उन्होंने कहा था कि म्यांमार के आला अधिकारियों पर इस नरसंहार को अंजाम देने के लिए जांच होगी।

    रोहिंग्या शरणार्थियों का इंटरव्यू लेने वाले अल जजीरा के पत्रकार मोहम्मद जम्जूम ने कहा कि ट्वीटर प्रमुख के बयान पर मैं बिल्कुल निशब्द हूं।

    हिन्दुओं की भावनाओं की किया आहत

    डोरसे ने ब्राह्मण विरोधी सन्देश के साथ तस्वीर खिंचवाई थी जिससे ब्राह्मण समुदाय की भावनाएं आहत हुई थी। ट्वीटर अधिकारी ने छह महिला पत्रकारों के साथ तस्वीर में एक ब्राह्मण विरोधी सन्देश लेकर खड़े थे, जिसमे ब्राह्मणवादी पितृसत्ता की विनाश लिखा था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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